नियमों की धज्जियां उड़ाकर खोली गई बिड़, बिजली कर्मचारीयों ने केन्द्र सरकार व प्रशासन का पुतला फूंका

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चण्डीगढ़, 22 मार्च। चण्डीगढ़ प्रषासन द्वारा एक बार फिर नियमों की धज्जियां उड़ाकर निजीकरण के नोडल अधिकारी की अनुपस्थिति में बिड़ खोल दी गई। प्रशासन की इस गैर कानूनी कार्यवाही के खिलाफ बिजली कर्मचारियों ने आज कार्य बहिश्कार कर बिजली दफ्तर न्यू पावर हाऊस, औद्योगिक क्षेत्र, फेज-1 के सामने विशाल रोष रैली व प्रर्दषन किया तथा ट्रांसपोर्ट चौक, सैक्टर 26 के पास केन्द्र सरकार व चण्डीगढ़ प्रशासन का पुतला फूंका। संघर्ष की अगली कड़ी में 7 अप्रैल को संयुक्त धरना देकर गर्वनर हाऊस तक मार्च किया जाएगा तथा 20 अप्रैल 2021 को सभी शिफ्टों में मुकम्मल हड़ताल की जाएगी।

रोष धरने को संबोधित करते हुए युनियन के महासचिव गोपाल दत्त जोषी, संयुक्त सचिव अमरीक सिंह, सुखविन्द्र सिंह, रणजीत सिंह, पान सिंह, कषमीर सिंह, गुरमीत सिंह ने इस गैर कानूनी बिड़ो को खोलने के लिए प्रषासन की कड़ी निन्दा की तथा आरोप लगाया कि प्रशासन ने बिड़िग खोलने की सारी कार्यवाही बिड़िग के लिए अधिकृत नोडल अधिकारी की अनुपस्थिति में बिड़ खोलकर एक बार फिर नियमों को ताक पर रख दिया। उन्होंने निजीकरण के खिलाफ सीधे लड़ाई का ऐलान करते हुए कहा कि चण्डीगढ़ में निजीकरण के लिए की जा रही बीडिंग प्रोसेस शुरू से ही शंकाओं के घेरे में है। प्रशासन ने हर स्तर पर नियमों की उल्लंघना की है जो लगातार बढ़ती जा रही है। हद तो तब हो गयी जब बिडिंग प्रोसेस रोकने के बाद जब द्वारा शुरू की गई तो उसमें नियमों को ताक में रख कर काम किया गया जिसके लिए सारे बिडिंग प्रोसिजर की अवहेलना की गई। यह बिडिंग प्रोसेस ऑनलाईन ना करके ऑफ लाईन की गई जिसमें आरएफपी डाक्यूमेंट की कीमत 5 लाख रखी गई तथा टैक्नीकल तथा फाईनैसियल बिड खोलने की 8 फरवरी तारीख रखी गई थी बाद में यह कह कर इस प्रोसेस को रोका गया कि सभी केन्द्रषासित प्रदेषों में एक ही तरह की नीति लागू की जायेगी ताकि केन्द्र सरकार की हिदायतों के मुताबिक बिजली वितरण के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा हो लेकिन बाद में दोबारा उसी प्रक्रिया को दोहराया गया। लेकिन प्रषासन ने एक बार फिर अपने किये हुए फैसले से पलटते हुए बिड़िग की कार्यवाही समाप्त होने के बाद दोबारा से आरएफपी में बदलाव कर दिया गया तथा नई कंपनियों को मौका दिया गया जो बिड़िग प्रक्रिया की सीधी उल्ंघना है। इसके खिलाफ बिजली के संगठनों तथा औद्योगिक संगठनों ने भी ऐतराज जताया लेकिन प्रषासन ने सारी आपत्तियों को दरकिनार कर नयी आई कंपनियों को भी बिड़िग प्रक्रिया में शामिल कर आज 22 मार्च 2021 को बिड़ खोल दी वक्ताओं ने इस समूचे प्रकरण की उच्च-स्तरीय जांच कराने तथा तथा शीघ्र बिड़िग प्रोसेस रद्द करने की मांग की गई।
यूनियन के प्रधान ध्यान सिंह, रेशम सिंह, राजिन्द्र कुमार, ललित सिंह, नरिन्द्र कुमार, लखविन्द्र सिंह तथा फैड़रेषन के प्रधान रघबीर चन्द, राजिन्द्र कटोच ने प्रषासन की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि अभी कंपनी बनी भी नहीं है लेकिन उसको 100 प्रतिषत बेचने के लिए बिड़िग खोली गई है जबकि इस सारी प्रक्रिया को करने से पहले कर्मचारियों तथा उपभोक्ताओं से सुझाव व ऐतराज लेने चाहिए थे तथा ट्रांसफर पॉलिसी की अधिसूचना जारी करनी चाहिए थी तथा स्टेट ट्रांसमिषन यूनिट व स्टेट लोड़ डिस्पेच सैंटर का गठन करना चाहिए था। जिसकी प्रक्रिया अभी शुरू ही नहीं हुई है लेकिन बीडिंग खोल दी गई जो सरासर धोखा तथा एकतरफा फैसला हैं जिसमें गैर जरूरी जल्दबाजी की गई है। यूनियन द्वारा बार बार अपील करने तथा ज्ञापन देने के बावजूद कर्मचारियों के हितों को भी सुरक्षित रखने के लिए प्रषासन चर्चा करने को भी तैयार नहीं है। वक्ताओं ने प्रषासन के इस कृत्य की तीखी निन्दा की।
वक्ताओं ने सरकार की निजीकरण की नीति पर करारा हमला करते हुए केन्द्र सरकार की तीखी निन्दा करते हुए आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार अपने वायदे से मुकर गई है। केन्द्र सरकार बार बार सिर्फ घाटे में चल रहे सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण की बात कर रही है तथा सरकारी या निजी कंपनी की मनोपली खत्म कर कई कंपनीयों को लाईसैंस देकर कंपीटीषन की बात कर रही है लेकिन चण्डीगढ़ में बिजली विभाग को मुनाफे में चलने के बावजूद निजी कंपनीयों को बेचा जा रहा है। उन्होंने सरकार की करनी व कथनी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर बिजली विभाग का 100 प्रतिषत शेयर निजी मालिको को बेच दिया जाएगा तो कंपीटिषन की बात कहा रह जाती है। वक्ताओं ने बिडिंग प्रोसैस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि एक बार आरएफपी बेचने के बाद अंतिम दिनांक से कम से कम 45 दिन पहले आरएफपी में बदलाव किया जा सकता है लेकिन प्रषासन बिडिंग के लिए छः कंपनियों के आवेदन के बाद आरएफपी में बदलाव किया तथा 10 दिन के अंदर ही नयी कंपनीयों को उसमें शामिल कर लिया नियमों को ताक में रख कर किया गया यह फैसला कर्मचारियों तथा जनता के खिलाफ धोखा है।
रोष धरने को संबोधित करते हुए सीटू के प्रधान कुलदीप सिंह, पंजाब बोर्ड महासघ के गुरदीप सिंह, हॉर्टीकल्चर के प्रधान हरकेष चन्द, एम. सुब्रामण्यम, पब्लिक हैल्थ के प्रधान हरपाल सिंह, चैन सिंह आदि ने हैरानी जाहिर करते हुए कहा कि विभाग ने पिछले 5 सालों से बिजली की दरों में कोई वृद्धि नहीं की है। 24 घंटे निर्विघ्न बिजली दी जा रही है। विभाग को वैस्ट यूटिलिटी का अवार्ड भी लगातार मिल रहा है बिजली की दर भी पडौसी राज्यों व केन्द्रषासित प्रदेषों से कम है। ट्रांसमिषन व डिस्ट्रीब्यूषन (टी एण्ड डी) लास भी बिजली मंत्रालय के तय मानक 15 प्रतिषत से काफी कम है। पिछले 5 साल से विभाग लगातार 150 करोड से 250 करोड़ तक मुनाफा कमा रहा है। विभाग का वार्षिक टर्न ओवर 1000 करोड़ के करीब है जिस हिसाब से कम से कम कीमत 15000 करोड़ से अधिक बनती है लेकिन ताजुब्ब की बात है कि बोली सिर्फ 174 करोड की लगाई जा रही है। जमीन व इमारतों का किराया सिर्फ एक रूपया प्रति महिना , 157 करोड़ रूप्या जनता का जमा एसीडी निजी मालिकों को देने का फैसला, 300 करोड़ से अधिक कर्मचारियों का फण्ड निजी ट्रस्ट के हवाले करने की बात की जा रही है जिसे किसी भी हालत में बर्दास्त नहीं किया जा सकता।
रोष प्रर्दषन के बाद कर्मचारी सरकार की अर्थी लेकर ट्रांसपोर्ट चौक पर गये जहां पर केन्द्र सरकार तथा प्रषासन का पूतला फूंका गया तथा पुन: जुलुस समेत न्यू पावर हाऊस पहुंचे तथा रैली का समापन करते हुए प्रषासन को चेतावनी दी की अगर प्रषासन ने शीघ्र ही बिड़िग की सारी कार्यवाही रद्द नहीं की तो 7 अप्रैल को सभी ट्रेड यूनियन को साथ लेकर विषाल सांझा धरना दे कर गर्वनर हाऊस तक मार्च किया जायेगा तथा 20 अप्रैल को सारी षिफ्टों में एक दिन की मुकम्मल हड़ताल की जाएगी जिस कारण आम जनता को होने वाली परेषानी के लिए प्रषासन का अड़ियल तथा नाकारात्मक रवैया जिम्मेवार होगा।

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