वर्ल्ड किडनी डे: प्रारंभिक निदान किडनी की बीमारी को रोकने में मदद कर सकता: डॉ अमित शर्मा

वर्ल्ड किडनी डे: प्रारंभिक निदान किडनी की बीमारी को रोकने में मदद कर सकता: डॉ अमित शर्मा
Spread the love

चंडीगढ़, 9 मार्च। किडनी विकारों ने दुनिया भर के लोगों को प्रभावित किया है और कई परिवारों को उजाड़ दिया है। किडनी को स्वास्थ्य को बनाए रखने और क्रोनिक किडनी रोग और इससे संबंधित विकारों को रोकने के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए वर्ल्ड किडनी डे हर साल मार्च के दूसरे गुरुवार को मनाया जाता है। इस वर्ष के वर्ल्ड किडनी डे का विषय किडनी हेल्थ फॉर ऑल है।
डॉ अमित शर्मा, सीनियर कंसल्टेंट, नेफ्रोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली ने एक एडवाइजरी में किडनी की बीमारियों के कारण, लक्षण और बचाव के तरीके बताए। किडनी किसी व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती है, पर बात करते हुए डॉ शर्मा ने बताया, किडनी रक्त को फिल्टर करने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं। यदि किडनी ठीक से काम नहीं कर रही हो, तो विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं और धीरे-धीरे के किडनी की कार्यप्रणाली को नुकसान पहुंचाते हैं। किडनी की समस्या सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित करती है। इस स्वास्थ्य स्थिति को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए और तत्काल चिकित्सा हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
लक्षण पर बात करते हुए डॉ शर्मा ने बताया कि किडनी की समस्याओं से पीड़ित मरीजों में कुछ ध्यान देने योग्य लक्षण दिखाई देते हैं जैसे चेहरे और पैरों पर सूजन, सांस की तकलीफ और थकान, भूख में कमी, लाल रंग का पेशाब और पेशाब बनने में कमी, भ्रम और अनियमित हृदय की धडक़न, एनीमिया या आयरन की कमी।
उन्होंने बताया कि किडनी की बीमारी बच्चों को भी प्रभावित करती है। यह वंशानुगत कारणों और नेफ्रोटिक सिंड्रोम के लिए जिम्मेदार है। कभी-कभी किडनी की बीमारी वाले बच्चों में कोई लक्षण नहीं होते हैं और अंत-चरण के किडनी की बीमारी का निदान हो सकता है। बच्चों में क्रोनिक किडनी रोग मुख्य रूप से यूरिन इन्फेक्शन और ग्लोमेरुलर डिजीज के कारण होता है, जिसमें किडनी केमिकल इम्बैलेंस के कारण सामान्य रूप से कार्य नहीं करती।
उन्होंने गुर्दे को स्वस्थ रखने और संक्रमण को रोकने के इलाज से बेहतर नियमों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि शारीरिक गतिविधि करना सुनिश्चित करें क्योंकि स्वस्थ शरीर संक्रमण से लडऩे में मदद करता है। अपने ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करें, बीपी की जांच नियमित तौर पर करें, संतुलित आहार लें, पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करें, धूम्रपान से बचें, ओवर-द-काउंटर गोलियों से बचें, जो कि गुर्दे के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *