धर्मांतरण विरोधी बिल का विरोध कांग्रेस की राष्ट्रघाती व आत्मघाती नीति का परिचायक: विहिप

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चंडीगढ़, 6 मार्च। विहिप चंडीगढ़ प्रभारी सुरेश राणा ने ब्यान जारी करते हुए कहा कि अवैध धर्मांतरण पर रोक संबंधी बिल का हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस ने और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने पत्रकार वार्ता में जिस क्रूरता से विरोध किया है उससे एक बार पुन: स्पष्ट हो गया है कि अब यह महात्मा गांधी की नहीं अपितु, ईसाई सोनिया कांग्रेस ही है। कांग्रेस का यह कदम राष्ट्र विरोधी और आत्मघाती है।  उन्होंने कहा है कि एक ओर स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद महात्मा गांधी की कांग्रेस ने अनेक राज्यों में अवैध धर्मांतरण पर रोक लगाने हेतु कानून बनाए थे तो वहीं, आज सोनिया कांग्रेस उस कानून की विधानसभा में ही भ्रूण हत्या करने पर तुली है। कांग्रेस को अपने इस हिंदू-द्रोही कुकृत्य पर माफी मांगनी चाहिए। राणा ने कहा कि महात्मा गांधी की इच्छा थी कि भारत की स्वतंत्रता के तुरंत बाद अवैध धर्मान्तरण पर रोक हेतु एक कठोर कानून बने। शायद उसी का परिणाम भी था कि मध्य प्रदेश, उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में इस संबंध में कानून तत्कालीन कांग्रेस ने ही बनाए थे, जिसका विरोध किसी ने भी नहीं किया। किंतु अब जिस प्रकार बिल का विरोध कांग्रेस कर रही है उसने कांग्रेस के मुस्लिम लीगी चेहरे को बेनकाब कर दिया है।
विश्व हिंदू परिषद चंडीगढ़ (पंजाब) सोशल मीडिया प्रभारी मनोज शर्मा ने कहा कि हरियाणा राज्य विधानसभा में बिल को क्रूरता पूर्ण तरीके से फाड़ कर उसने ना सिर्फ पीड़ित हिंदू समाज का अपमान किया है अपितु सदन की मर्यादा भंग कर अलोकतांत्रिक व्यवहार का परिचय भी दिया है। विश्व हिंदू परिषद इसकी घोर निंदा करती है।

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