फोर्टिस के डॉक्टर्स की टीम ने सिंगल नी लिगामेंट रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी के जरिये मल्टीपल लिगामेंट इंजरी का किया सफल

फोर्टिस के डॉक्टर्स की टीम ने सिंगल नी लिगामेंट रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी के जरिये मल्टीपल लिगामेंट इंजरी का किया सफल
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चंडीगढ़, 4 मार्च। फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली में ऑर्थोपेडिक्स टीम ने हाल ही में एक 58 वर्षीय रोगी का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया, जो दायें घुटने की मल्टीपल लिगामेंट की चोट से पीडि़त थे-जिनमें एन्टीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल), पोस्टीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (पीसीएल), लेटरल कोलैटरल लिगामेंट (एलसीएल) पोस्टरोलेटरल कॉर्नर (पीएलसी), लिगामेंटम पटेला और कॉमन पेरोनियल नर्व इंजरी (सीपीएनआई) जैसे कई पहलू शामिल थे। मरीज गणेश यादव के एक सडक़ दुर्घटना में घुटना काफी जख्मी हो गए थे और सभी लिंगामेंट टूट गए थे। इस चोट के चलते वे बीते 8 महीनों से व्हीलचेयर पर रहे।
डॉ. रवि गुप्ता, डायरेक्टर, ऑर्थोपेडिक्स (स्पोर्ट्स मेडिसिन), फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने 8 नवंबर, 2021 को रोगी गणेश यादव पर एक मल्टी लिगामेंट नी रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी सफलतापूर्वक की थी। इस दौरान उनके घुटने के सभी घायल लिगामेंट्स को एक ही बार में की गई सिंगल सर्जरी के साथ फिर से बनाया गया। उन्होंने एक प्रिजर्व इनसर्शन हैमस्ट्रिंग टेंडन ग्राफ्ट का उपयोग करके पीसीएल की रीकंस्ट्रक्शन करने के लिए एक विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया। डॉ. गुप्ता द्वारा आविष्कार की गई इस विशेष सर्जीकल तकनीक में, हड्डी से टेंडन के लगाव को संरक्षित किया जाता है जो रीकंस्ट्रक्वि लिगामेंट को रक्त की आपूर्ति और नर्व सप्लाई को बनाए रखता है।
इस मामले के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए, डॉ.रवि गुप्ता ने कहा कि ‘‘रोगी गणेश यादव अस्पताल में आने से पहले चलने-फिरने में असमर्थ थे क्योंकि उनके घुटने के सभी लिंगामेंट्स और पैर उठाने की मुख्य नर्व काफी हद तक घायल हो गई थी। आमतौर पर इस तरह के कई घुटने के लिगामेंट्स का पुनर्निर्माण चरणबद्ध सर्जरी में किया जाता है, लेकिन, हम एक ही सर्जरी में ऐसा करने में सक्षम थे। उन्होंने एक सफल घुटने के लिगामेंट रीकंस्ट्रक्शन सर्जरी की और मरीज तेजी से ठीक हो गए। वे सर्जरी के छह सप्ताह के भीतर अपने दैनिक जीवन की गतिविधियों को फिर से शुरू करने में सक्षम हो गये।’’
प्रिजर्वड इनसर्शन तकनीक तकनीक को पूरी दुनिया भर में अच्छी तरह से स्वीकार किया गया है और उत्तरी अमेरिका से प्रकाशित सर्वश्रेष्ठ मेडिकल जर्नल्स में से एक में प्रभावी तस्वीरों एवं वीडियो से काफी खूबसूरती से चित्रित किया गया है।
हॉस्पिटल में सर्जरी और अच्छे रिकवरी के बाद, रोगी जल्दी ठीक हो गया और सर्जरी के दूसरे दिन उसे हॉस्पिटल से भी छुट्टी दे दी गई। छह सप्ताह में, रोगी ने बिना किसी सहारे के चलना शुरू कर दिया और आसानी से अपनी दैनिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने में सक्षम हो गया। आज मरीज गणेश यादव पूरी तरह से स्वस्थ हो चुका है।

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