कपूरथला, 28 फरवरी। पुष्पा गुजराल साइंस सिटी और पंजाब राज्य विज्ञान व टेक्नॉलोजी परिषद की ओर से संयुक्त तौर पर राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया। वर्चुअल द्वारा हुए इस प्रोग्राम में पंजाब भर से 100 के करीब विद्यार्थियों और अध्यापको ने भाग लिया। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का इस बार का थीम “स्थाई भविष्य के लिए विज्ञान व टेक्नॉलोजी तक संपूर्ण पहुंच है’। इस मौके डिप्टी डायरैक्टर (जुगत और योजना) रसायण विज्ञान विभाग आईआईटी दिल्ली डा. अशोक गांगुली ने “हमारी रोजमर्रा की जिंदगी व विज्ञान, टेक्नॉलोजी और नई-नई खोजों के प्रभाव’ विषय पर अपने विचार पेश करते कहा कि विज्ञान, टेक्नॉलोजी और नई खोजे देश को आर्थिक तौर पर आगे लेजाने में बहुत अहम भूमिका अदा करते है। नई युगतां समस्या के हल के लिए नई पहुंच बन सकती है। यह हमारे रहन-सहन में तबदीली या मौजूदा स्रोतों के प्रयोग का एक नया ढंग तरीका हो सकती है। नई तकनीको ने कारें, सैल फोन, कंप्यूटर, नैटवर्क और बिजली आदि से लेकर हमारी जिंदगी के हर क्षेत्र को प्रभावित किया है। उन्हांेने बताया कि कोविड-19 के खात्मे के लिए मोडर्ना (एमआरएनए) और प्रीफाईजर (बोयोटेक एमआरएनए) द्वारा तैयार की गई वैक्सीन में उत्पति विज्ञान के कोडा की अहम भूमिका है।
इस मौके साइंस सिटी की डायरैक्टर जनरल डा. नीलिमा जैरथ ने संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय महान भौतिक विज्ञानी सर सीवी रमन द्वारा खोजे गए रमन प्रभाव की खोज को याद करने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर वर्ष 28 फरवरी को मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि विज्ञान व टेक्नॉलोजी जहां हरेक देश की उन्नति और खुहाली के ड्राइवर है वहीं यह स्थाई विकास के लिए दरपेश चुनौतियांे काे दूर करने के लिए एक जरुरी साधन भी है। इस मौके उन्हांेने अध्यापकाे काो आह्वान किया कि वह विद्यार्थियों को विज्ञान के सिद्धांतों को अपनी रोजाना की जिंदगी में लागू करे और सीखने के लिए प्रेरित करे ताकि जो नई-नई खोजों में उनकी रुचि बढ़े।
इस मौके संबोधित करते हुए साइंस सिटी के डायरैक्टर डा. राजेश ग्रोवर ने कहा कि हम सभी विज्ञान पर निर्भर है और आज विज्ञान के बिना जिंदगी नहीं है। उन्होंने कहा कि देश, समाज और समूह विश्व की तरजीहो को ध्यान में रखते इस बार का इस दिवस का थीम बहुत सोच समझ कर ही तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि विज्ञानवान व सूझवान समाज की सिरजना के लिए विज्ञान व टेक्नॉलोजी के क्षेत्रों में विद्यार्थियों की मुहारत और विज्ञान को बढ़ाना बहुत जरुरी है।
इस मौके बच्चों के “कुबाड़ से कार्य आने वाली चीजे बनाने’ के करवाए गए जिनमें से पहला ईनाम स्वामी संतदास स्कूल जालंधर की कृतिका शारदा (प्रोजेक्ट : बिना बिजली के मोबाइल चार्जर) ने पहले सरकारी हाई स्कूल दोना कपूरथला के परमजीत कुमार (प्रोजेक्ट : बायो अनजायम एक सफाई ऐजंट) ने द्वितीय और मैरीटोरीयस स्कूल जालंधर के जसकरण रत्तू (प्रोजेक्ट : पुरानी अखबारों के फोटो फ्रेम और गाड़ी) ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।