कपूरथला, 28 फरवरी। रूस की ओर से यूक्रेन पर हमलों को तेज किए जाने के बाद वहां फंसे भारतीयों में दहशत का माहौल है। जहां पहले उन्हें घर वापिसी के संकेत नजर आ रहे थे। अब धीरे-धीरे खत्म होते जा रहे है। सुमी शहर में इस समय 550 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं, जोकि अनसेफ बिल्डिंग के नीचे बने बंकरों में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे है। ऐसे में वहां पर चल रहे युद्ध में फंसी जिला कपूरथला के ब्लॉक सुल्तानपुर लोधी की रहने वाली एक युवती मुस्कान थिंद ने फोन पर बातचीत कर अपना दर्द बयां किया है। युवती ने बताया कि बीती रात उसके कुछ सहयोगी छात्र-छात्राएं पोलैंड बॉर्डर पर पहुंचे थे लेकिन वहां तैनात यूक्रेन पुलिस ने उन्हें टॉर्चर किया और मारपीट की। भारत सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है। मदद के नाम पर यूक्रेन की पुलिस बार्डर से उन्हें खदेड़ रही है।
छात्रा ने बताया कि वह मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए 2018 में यूक्रेन आई थी। अब उसका चौथा सेमेस्टर चल रहा था। युद्ध की खबरें आने लगी थी तो उसने भारत वापसी के लिए 26 फरवरी की फ्लाइट बुक करवाई थी। लड़ाई लगने के कारण कैंसिल हो गई। वह बंकर में ही अपने सहयोगियों के साथ रह रही है।सुल्तानपुर लोधी की रहने वाली छात्रा भी पिछले चार दिन से वहां पर अपने सहयोगियों संग फंसी हुई है। फोन पर वार्तालाप कर युवती ने बताया कि जिस बंकर में छिपे हुए हैं, वह अनसेफ बिल्डिंग के नीचे बना हुआ है। जहां लगभग 200 लोग हैं। युवती ने बताया पोलैंड बॉर्डर सुमी शहर से 1133 किलोमीटर की दूरी पर है। भारत सरकार का कहना है कि छात्र किसी तरह से पोलैंड बॉर्डर पर पहुंच जाए तो उन्हें वापस भारत भेज सकते हैं। युद्ध के बीच यह कैसे संभव हो सकता है, यह सरकार को भी सोचना चाहिए। उसने बताया कि सरकार की ओर से उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है। जिन छात्रों को मुंबई पहुंचाया गया है, वह बॉर्डर के पास ही थे। असलियत यह है कि जो भारतीय शहर के बीचो बीच युद्ध में फंसे हुए हैं, उन्हें वहां से नहीं निकाला जा रहा है। युवती ने एक वीडियो शेयर करते हुए बताया कि किस तरह से पोलैंड बार्डर पर लड़कों और लड़कियों को यूक्रेन पुलिस की ओर से पीटा जा रहा है। उन्हें खाने और पीने के सामान की भी कोई कमी नहीं होने दी जा रही है लेकिन बमबारी से कुछ भी होने का डर बना हुआ है। लोगों को मिसाइलें गिरने की आवाजें सुनाई दे रहीं हैं। एयरपोर्ट की तरफ जाने से बिल्कुल मना कर दिया गया है। दुकानों पर लोगों की भीड़ जुटी हुई है। लोग खाने व पीने के सामान का स्टाक करके घर में रख रहे हैं। उनका कहना है पता नहीं यह स्थिति कब तक रहेगी, इसलिए सूखा राशन ज्यादा से ज्यादा स्टाक करके रख रहे हैं। अब तो केवल ईश्वर का सहारा है।