बंकर में रहने को मजबूर हैं छात्र, वापस लाने की लगाई गुहार

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कपूरथला, 27 फरवरी। यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे जिले के पांच विद्यार्थी रूस के हमले के कारण मची तबाही के चलते वहां पर फंस गए हैं। इन विद्यार्थियों में तीन छात्राएं तथा दो छात्र हैं। डॉक्टर बनने की ख्वाहिश लेकर यूक्रेन के सूमी स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने गईं कपूरथला की रहने वाली की तीन छात्राएं व दो छात्र अब हास्टल में बने बंकर में छिपकर रहने को मजबूर हैं। सूमी स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी रूस के बॉर्डर के 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।यूक्रेन में फंसी सुल्तानपुर लोधी के गांव हैबतपुर निवासी गुरलीन कौर के पिता सुखविदर सिंह व मुस्कान थिद निवासी गांव पंडोरी सुल्तानपुर लोधी के पिता दलविदर सिंह ने बताया कि उनकी बेटी को 26 फरवरी को भारत लौटना था। बेटियों को यूक्रेन गए चार वर्ष हो चुके है। फ्लाइट रद्द होने के कारण वह अब कॉलेज में बने बंकर में ही रह रही है। केंद्र सरकार उनकी वापसी के लिए जो प्रबंध कर रही है वह हंगरी बार्डर से ला रही है। हंगरी बार्डर सूमी स्टेट मेडिकल यूनिर्वसिटी से 1200 किलोमीटर दूर है। सड़क के रास्ते पर आने के लिए कहा गया है, लेकिन सड़क के रास्ते पर काफी खतरा होने के चलते बच्चों को सरकार द्वारा पुख्ता प्रबंध न होने के चलते कालेज में ही रहने को कहा गया है। वीडियो काल के जरिये स्वजनों को यूक्रेन में हो रही तबाही की दास्तां बयां करने के बाद स्वजन काफी ज्यादा खौफ में हैं और बच्चों के सही सलामत वापस वतन लौटने की भगवान से प्रार्थना कर रहे है। उन्होंने केंद्र सरकार से बच्चों को सही सलामत यूक्रेन से भारत लाने की मांग की है।यूक्रेन की खार्किव यूनिवर्सिटी में फंसी सिमनजीत कौर पुत्री सुरजीत कुमार निवासी शालापुर बेट व गुरप्रीत सिंह पुत्र श्याम सिंह निवासी गांव भैनी हुसैन थाना तलवंडी चौधरियां व अमृतपाल सिंह पुत्र जसवीर सिंह निवासी गांव परमजीतपुर सुल्तानपुर लोधी हास्टल में बने बंकर में रह रहे हैं। सरकार ने उनको कालेज में बने बंकरों में ही बंद रहने के लिए कहा है। हालांकि उनको भारतीय दूतावास की तरफ से जल्दी ही भारत भेजने का आश्वासन दिया गया है।पांचों विद्यार्थियों के स्वजन अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित है। उन्होंने कहा कि वह बेटियों से फोन पर हालात की जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से से अपील की है कि बच्चों की वतन वापसी का उचित प्रबंध किया जाए।

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