चंडीगढ़, 26 फरवरी। चंडीगढ़ प्रशासन एवं एमसी से जुड़े विभिन्न विभागों के संयुक्त कर्मचारी मोर्चा की छह फेडरेशनों की आपातकालीन बैठक में शनिवार को चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा शहर के बिजली कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होने पर किए गए समझौते के द्वारा की जा रही रंजिशन कार्रवाइयों पर चर्चा हुई और प्रशासन की इस दोगले व्यवहार की निंदा व आलोचना की गई।
संयुक्त कर्मचारी मोर्चा की छह प्रमुख फेडरेशन में फेडरेशन ऑफ यूटी एवं एमसी इम्प्लाइज, चंडीगढ़ यूटी सबोर्डिनेट सर्विस फेडरेशन, यूटी एसएस फेडरेशन, ज्वाइंट एक्शन कमेटी यूटी एवं एमसी, चंडीगढ़ सबोर्डिनेट सर्विस यूटी तथा आल कांट्रेक्चुअल कर्मचारी संघ यूटी चंडीगढ़ इत्यादि शामिल हैं। छह फेडरेशनों में चंडीगढ़ के विभिन्न विभागों जैसे हॉर्टिकल्चर,रोड, ट्रांसपोर्ट, वाटर सप्लाई, बिल्डिंग एंड मेंटिनेंस, म्युनिसिपल कारपोरेशन, अस्पताल, एमओएच, चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड, एजुकेशन,हायर एजुकेशन, बिजली विभाग, पीजीआई व युनिवर्सिटी इत्यादि की विभिन्न यूनियनों जुड़ी हुई हैं।
संयुक्त कर्मचारी मोर्चा की बैठक में चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा बिजली कर्मचारियों पर की जा रही कार्रवाई न रुकने पर संयुक्त कर्मचारी मोर्चा से जुड़ी सभी युनियनों द्वारा जल्द ही रोष मार्च व सामूहिक गिरफ्तारी की घोषणा भी की गई। संयुक्त कर्मचारी मोर्चा ने चंडीगढ़ प्रशासन से मीटिंग की मांग भी की ।
चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा बिजली कर्मचारियों की 22 फरवरी से 24 फरवरी की तीन दिवसीय हड़ताल के कारण बिजली आपूर्ति की निगरानी कर रहे दो जुनियर इंजीनियर को अगली जांच तक के लिए निलंबित कर दिया गया है जबकि पावर यूनियन की हड़ताल के बाद बिजली आपूर्ति बहाल करने में सेना अधिकारियों से सहयोग नहीं मिलने पर अधीक्षण अभियंता (विद्युत) को कारण बताओ भी नोटिस जारी किया गया है इसके अलावा विद्युत विभाग के 126 नियमित कर्मचारियों को सरकारी कार्यों से अनुपस्थित रहने के कारण गंभीर स्थिति के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है तथा विद्युत विभाग के 17 आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवा समाप्ति एवं 143 कर्मचारियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के क्रम में भी जांच जारी है।
चंडीगढ़ प्रशासन ने स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग अध्यक्षता में गठित कमेटी जिसमें चिकित्सा अधीक्षक 16, चिकित्सा अधीक्षक 32 और गुरप्रीत सिंह एक्सईएन (विद्युत) शामिल है।
चंडीगढ़ प्रशासन से हुए समझौते के बाद बिजली कर्मचारियों ने सप्लाई चालू कर दी थी तथा सभी कर्मचारियों को ड्यूटी ज्वाइन करवाई गई परन्तु चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा कर्मचारियों पर की जा रही इस अनुशासनात्मक कारवाई से कर्मचारी संगठनों में रोष व्याप्त है ।
संयुक्त कर्मचारी मोर्चा ने बयान किया कि इस कारवाई से चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा कर्मचारियों में डर का माहौल व बेचैनी पैदा करने की कोशिश की जा रही है ताकि भविष्य में कर्मचारी संगठनों पर अपनी मांगों के प्रति रोष प्रदर्शन करने पर रोक लगाई जा सके । बैठक में शहर में धारा 144 व एस्मा लगाने का भी विरोध किया गया ।
आज की बैठक में संयुक्त कर्मचारी मोर्चा की कैबिनेट में राजिंदर कुमार, सुखबीर सिंह, अश्विनी कुमार, बलविंदर सिंह, रघुबीर चंद, धर्मेन्द्र सिंह राही, रंजीत मिश्रा, राजेन्द्र कटोच, बिपिन शेर सिंह, हरकेश चंद, राजिंदर कुमार व गोपाल दत्त जोशी इत्यादि की आपसी सहमति से यह निर्णय लिया गया। यह जानकारी जारी एक विज्ञप्ति में संयुक्त कर्मचारी मोर्चा यूटी एवं एमसी चंडीगढ़ के कन्वीनर, राजिंदर कुमार ने दी है।