प्रशासन का दमन नीतियों के खिलाफ यूनियन ने भड़काहट वाली कार्यवाही तुरन्त वापिस लेने की करी अपील

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चण्डीगढ़, 26 फरवरी। हड़ताल के दौरान बारिश, तेज हवाओं व डयूटी पर तैनान लोगों द्वारा गलत आपरेशन के कारण बाधित हुई बिजली को हड़ताल पर होते हुए भी यूनियन द्वारा कर्मचारियों को अपील करने तथा सम्बन्धित कर्मचारियों द्वारा तुरन्त प्रभाव से बिजली चलाने के लिए कर्मचारियों को प्रोत्साहन देने की बजाय उनके खिलाफ दुर्भावना व द्ववेशपूर्ण तौर पर शोकाज जारी करना तथा एफआईआर दर्ज करना उन्हें डराने व हतोत्साहित करने वाला कदम है। वह भी जब सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत होने तथा प्रशासन द्वारा निजीकरण व कर्मचारियों की सेवा शर्तो तथा संशोधित वेतनमान जारी करने व पिछले एक साल से जानबूझकर रोकी गई प्रमोशन करने को बहाल करने के विश्वास देने तथा 2 मार्च से लगातार अन्य मांगों पर बातचीत का दौर शुरू करने के ऐलान के बाद हड़ताल 11/2 दिन पहले ही वापिस ले लिया।
यूनियन के पदाधिकारियों ने प्रशासन को सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई बातचीत को जारी रखने की अपील करते हुए कहा दमनकारी कदम के तौर पर उठाये गये निलम्बन, शोकाज व एफआई आर तुरन्त रद्द किये जायें। बिजली कर्मचारी जरूरत के मुताबिक आधे से भी कम गिनती में होने के बावजूद 14-16 घंटे काम कर बिजली चला रहे हैं तथा एक कर्मचारी 3-3 कर्मचारियों का काम कर रहे हैं। अब उनकी छुटृी भी बन्द की जा रही है अगर बिजली कर्मचाी सरकार के नियमों के अनुसार काम करते हैं तो प्रशासन को जितने कर्मचारी हैं उतने कर्मचारी और रखने पडेंगे। इस बात को विचारने की जरूरत है लेकिन प्रशासन, सस्पेंशन शोकाज व केस दर्ज पर अघोषित हड़ताल वाली हालात पैदा कर रहा है जो किसी भी तरह जनता के हित में नहीं होगी।
यूनियन ने 8 जनवरी से लगातार रैलियां प्रर्दशन कर 11 जनवरी को रैली कर एसडीएम को ज्ञापन दिया। उसके बाद 24 जनवरी तथा 1 फरवरी को पुन: उपायुक्त के मार्फत ज्ञापन दिया तथा सरकार द्वारा कोई संज्ञान न लेने पर 4 फरवरी को पुनः 22 फरवरी से 72 घंटे की हड़ताल का नोटिस देना पड़ा। प्रशासन ने अपना इन्तजाम करने की भी बात की। हैल्प लाइन नम्बर भी दिया व विभाग के अधिकारियों व अन्य विभागों के राज्यों के कर्मचारियों व अधिकारियों को तैनात किया जो अपनी डयूटी व जिम्मेवारी नहीं निभा पायें जिसका ठीकरा कर्मचारियों पर फोड़ा जा रहा है जो ठीक नहीं है।
यूनियन ने चण्डीगढ़ की जनता व सभी जनता के प्रतिनिधियों को अपील की है कि निजीकरण के खिलाफ लड़ाई को व कर्मचारी हितों को ध्यान में रखकर प्रशासन द्वारा दमनकारी कदम उठाने के खिलाफ अपनी आवाज उठायें। इसी बीच देश के 27 लाख बिजली कर्मचारियों व अभियन्ताओं की सर्वोच्च संस्था – राष्ट्रीय तालमेल कमेटी बिजली कर्मचारी व अभियन्ता ने अपनी मीटिंग कर चण्डीगढ़ के हालातों का संज्ञान लिया है व माननीय राज्यपाल पंजाब व चण्डीगढ़ प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित को ज्ञापन देकर जनहित में प्रशासन द्वारा उठाये जा रहे दमनात्मक कार्यवाही रोकने की मांग की है। यह जानकारी जारी एक विज्ञप्ति में महासचिव गोपाल दत्त जोशी ने दी।

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