ऑक्सीवन करनाल के निर्माण का मार्ग हुआ प्रशस्त, वन विभाग ने जारी किया 9.7 करोड़ बिजली विभाग को

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चंडीगढ़, 25 फरवरी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की परिकल्पना को साकार करने के लिए वन विभाग हरियाणा द्वारा ऑक्सीवन करनाल के निर्माण हेतु बिजली विभाग को खंभों तथा तारों को हटाकर भूमिगत करने के लिए 9,71,92,170 रूपए की धनराशि जारी कर दी गई है।
वन मंत्री कंवरपाल ने बताया कि 5 जून 2021 को करनाल के सैक्टर 4 से मधुबन नहर तक 4.5 किलोमीटर लम्बा 80 एकड़ के इस भू-भाग पर मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने ऑक्सीवन का शिलान्यास किया था। उन्होंने कहा कि ऑक्सीवन के निर्माण से नई पीढ़ी को प्रकृति दर्शन का ऐसा केन्द्र उपलब्ध होगा जो उन्हें प्रकृति संरक्षण की प्रेरणा प्रदान कर पर्यावरण प्रहरी बनाएगा।
वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए.के सिंह ने बताया कि इस पूरे क्षेत्र में बिजली के कई फीडर के 33 केवी सब स्टेशन हेतु बिजली आपूर्ति के लिए लाइनें बिछी हुई हैं जिसके स्थानान्तरण एवं भूमिगत केबलिंग के लिए उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा 9,71,92,170 रूपए की लागत का अनुमानित खर्च प्रस्तुत किया गया था, जिसे वन विभाग द्वारा 23 फरवरी को जारी कर दिया गया। उन्होंने बताया कि बिजली की लाइनों के स्थानान्तरण होते ही ऑक्सीवन का निर्माण तीव्र गति से किया जाएगा
प्रधान मुख्य वन संरक्षक जगदीश चन्द्र ने बताया कि इस प्रस्तावित ऑक्सीवन में 14 तरह के घटक शामिल होंगे जिसमें चित वन, पक्षी वन अंतरिक्ष वन, तपो वन, आरोग्य वन, नीर वन, ऋषि वन, स्मृति वन, सुगंध वन, एम्फीथिएटर, सूचना केन्द्र, पुस्तकालय, लाइट एंड साउंड शो, सोविनियर शॉप शामिल है।
उन्होंने बताया कि करनाल का यह बादशाही नाला कई तरह के इतिहास को समेटे हुए है। पहले इस नहर के माध्यम से दिल्ली तक सिंचाई एवं पीने के लिए पानी की आपूर्ति होती रही है। वर्तमान समय में शहर के गंदे पानी को भूमिगत माध्यम से करनाल के सैक्टर-4 के समीप सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से जल शुद्धिकरण किया जा रहा है ताकि यमुना को दूषित जल प्रभाव से बजाया जा सके। उन्होंने बताया कि ऑक्सीवन बनाने का उद्देश्य नागरिकों को स्वस्थ रहने का वातावरण प्रदान करना है , साथ ही मनुष्य को विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधों तथा जड़ी-बूटियों के साथ पुराने संबंधों को जोडऩे हेतु जागरूक करना है ।

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