चंडीगढ़, 24 फरवरी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पिछले सात वर्षों में राज्य सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के हितों की रक्षा के लिए कई कदम उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं से आग्रह किया कि वे अपने राजनीतिक नेताओं के बहकावे में न आएं।
मुख्यमंत्री ने आज यहाँ प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि गत दिसंबर माह में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में 850 रुपये तथा सहायकों के मानदेय में 736 रुपये वृद्धि की गई थी। इस मौके पर गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि हरियाणा देश के पहले तीन राज्यों में है, जहां आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स को सबसे ज्यादा मानदेय दिया जा रहा है, जबकि उत्तर भारत के राज्यों में तो हरियाणा पहले स्थान पर है।
अन्य राज्यों में दिए जा रहे मानदेय से तुलना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में दस वर्ष से अधिक अनुभव वाली आंगनवाड़ी वर्कर्स 12661 रुपये, 10 वर्ष से कम अनुभव वाली आंगनवाड़ी वर्कर्स और मिनी आंगनवाड़ी वर्कर्स को 11401 रुपये दिए जा रहे हैं। जबकि आंगनवाड़ी वर्कर्स को पंजाब में 9500, छत्तीसगढ़ में 6500, मध्य प्रदेश में 10000, दिल्ली में 9678, राजस्थान में 10500, पांडुचेरी में 6540, पश्चिमी बंगाल में 6750 रुपये दिया जा रहा है।
इसी प्रकार, आंगनवाडी हेल्पर्स को हरियाणा में 6,781 रुपये दिये जा रहे हैं, जबकि पंजाब में 4750, छत्तीसगढ़ में 3250, मध्य प्रदेश में 5000, दिल्ली में 4889, राजस्थान में 5800, पांडुचेरी में 4375, पश्चिमी बंगाल में 4800 रुपये दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हमने समय-समय पर आंगनवाड़ी वर्कर्स व हैल्पर्स का मानदेय बढ़ाया है। वर्ष 2014 में आंगनवाड़ी वर्कर्स का मानदेय 7500 रुपये मासिक था, जो अब 12,661 रुपये हो गया है। इसी तरह हैल्पर्स का मानदेय वर्ष 2014 में 3500 रुपये मासिक था, जो अब 6,781 रुपये हो गया है। हमने आंगनवाड़ी वर्कर्स व हैल्पर्स को पदोन्नति देने के साथ-साथ सेवानिवृत्ति के समय भी एकमुश्त राशि देने की व्यवस्था की है।
उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सेवानिवृत्ति पर 30 हजार रुपये एक्सग्रेसिया मिलता था, जिसे बढ़ाकर 1 लाख रुपए तथा आंगनवाड़ी हेल्परों का 50 हजार रुपए किया गया है। आंगनवाड़ी वर्करों व हेल्परों को दुर्घटना से मृत्यु होने की स्थिति में 2 लाख रुपये देने का प्रावधान किया है।
उन्होंने कहा कि हमने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं द्वारा उठाई गई लगभग सभी मांगों को पूरा किया है।
मेरिट के आधार पर जारी रहेगी भर्ती
मुख्यमंत्री ने सरकारी भर्ती में घोटालों के संबंध में की गई गिरफ्तारी और दर्ज मामलों के आंकड़े साझा करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा देश भर में फैले विभिन्न गिरोहों का भंडाफोड़ किया गया है।
पुलिस कांस्टेबल भर्ती घोटाले में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 70 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि पिछले कुछ महीनों में इस घोटाले में तीन बड़े गिरोह और 26 आरोपियों को एसटीएफ ने पकड़ा है। इसके अलावा पटवारी परीक्षा में दर्ज सात मामलों में 64 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है। प्रतिरूपण की घटनाएं भी बड़ी संख्या में पकड़ी गई हैं। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि अब जब भी कोई भर्ती परीक्षा होगी, ऐसी कोई घटना दोबारा नहीं होगी।
राज्य के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए बजट पूर्व बैठकें आयोजित
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतांत्रिक बजट तैयार करने के लिए सभी हितधारकों की भागीदारी के साथ राज्य के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2019 में बजट को अंतिम रूप देने से पहले विभिन्न हितधारकों से सुझाव लेने की एक नई परंपरा शुरू की गई थी।
उन्होंने कहा कि इस साल बजट पूर्व बैठकों का सिलसिला 7 फरवरी,2022 से शुरू हुआ। अब तक कुल आठ बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें विभिन्न क्षेत्रों की 427 हस्तियों ने अपने विचार साझा किए हैं। सभी विभागों के प्रमुखों, शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों, उद्योगपतियों, पंचायतों के प्रतिनिधियों, कृषि क्षेत्र, स्वास्थ्य, रियल एस्टेट और शिक्षा क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई।
मुख्यमंत्री ने एनसीआर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र का दायरा कम होने के संबंध में एक सवाल के जवाब में कहा कि आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय इस संबंध में अंतिम निर्णय लेगा। एनसीआर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र का दायरा कम होने के संबंध में एनसीआर योजना बोर्ड की बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार हरियाणा का 57 प्रतिशत क्षेत्र एनसीआर में आ गया है। अब लोगों को इसके कारण कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार द्वारा एनसीआर में 100 किलोमीटर तक के क्षेत्र को शामिल करने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी गई है।
इस मौके पर गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, पुलिस महानिदेशक पी के अग्रवाल, एडीजीपी, सीआईडी, आलोक मित्तल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।