चण्डीगढ़, 19 फरवरी। यूटी व एमसी के दर्जनों विभागों के कर्मचारी बिजली कर्मचारियों की तीन दिवसीय हड़ताल का पूरा समर्थन करेंगे तथा उनके संघर्षो में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगे। फैड़रेशन की कार्यकारिणी की मीटिंग के बाद ऐलान करते हुए फैड़रेशन के प्रधान रघबीर चन्द, वरिष्ठ उप प्रधान राजेन्द्र कटोच, उप प्रधान रेखा शर्मा, विशराम, संयुक्त सचिव हरकेश चन्द, नसीब सिंह, बिहारी लाल, प्रेम पाल आदि ने सस्ती बिजली देकर मुनाफा कमा रहे बिजली विभाग का गैर कानूनी तौर निजीकरण करने के लिए चण्डीगढ़ प्रशासन तथा केन्द्र सरकार की तीखी निन्दा की तथा इस फैसले को कर्मचारी तथा लोक विरोधी करार देते हुए कहा कि मुनाफे में चल रहे बिजली विभाग का निजीकरण करना किसी भी तरह से तरकसंगत व न्योचित नहीं है। इससे कर्मचारियों के भविष्य के साथ तो खिलवाड़ तो किया ही जा रहा है। इस फैसले से चण्डीगढ़ के आम लोगों जिनमें गरीब, मजदूर, ग्राम व कॉलोनी वासी बिजली की पहुंच से बाहर हो जायेगे क्योंकि चण्डीगढ़ को जिस कम्पनी के पास बेचा जा रहा है उस कम्पनी के कलकते के रेट चण्डीगढ़ से कई गुणा ज्यादा है जिस बात को देश के बिजली मंत्री भी कई बार मान चुके हैं। फैड़रेशन के पदाधिकारियों ने चण्डीगढ़ प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब चण्डीगढ़ की राजनीतिक पार्टीयां, सामाजिक संगठन, मुहल्ला समितियां, गुरूद्ववारा प्रबंधक समितियां, किसान संगठन, पेंडू संघर्ष कमेटी आदि सभी समाजिक संगठन इस बात का विरोध कर रहें है तो चण्डीगढ़ प्रशासन 20 से 25 हजार करोड़ की प्रापर्टी 871 करोड़ निजी मालिक के हवाले क्यों कर रहा है जबकि विभाग पिछले पांच साल से 1000 करोड़ से अधिक का मुनाफा दे चुका है और कम स्टाफ के बावजूद 24 घंटे अबाधित बिजली दी जा रही है।
फैड़रेशन के पदाधिकारियों ने चण्डीगढ़ प्रशासन को चेतावनी दी की अगर बिजली कर्मचारियों के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्यवाही की गई तथा दमनकारी कदम उठाये गये तो चण्डीगढ़ प्रशासन व एम सी के सभी विभागों के कर्मचारी प्रशासन के खिलाफ सीधी कार्यवाही का ऐलान करने पर मजबूर होंगे जिस कारण आम जनता को होने वाली परेशानी के लिए प्रशासन का जनविरोधी व अड़ियल रवैया जिम्मेवार होगा। यूनियन के प्रधान रघबीर चन्द ने यह जानकारी जारी एक विज्ञप्ति में दी।