चंडीगढ़, 11 फरवरी। केंद्रीय दिशा-निर्देशों 13 जनवरी 1992 के अनुसार चंडीगढ़ में पंजाब रूल्स यथावत लागू होते हैं व पंजाब रूल्स में डैपूटेशन का कोई नियम नहीं है। इसके बावजूद चंडीगढ़ प्रशासन 14-15 फरवरी को पंजाब से डैपुटेशन पर टीचर्स की इंटरव्यू करने जा रहा है। इसको लेकर यूटी टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने शुक्रवार को शिक्षा सचिव को मांग पत्र सौंपा है।
जारी एक बयान में यूटी टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान बी.एस.गोसल व महासचिव जीत सोमल ने शिक्षा सचिव को पत्र लिखकर शिक्षा विभाग में डैपूटेशन का विरोध किया व वर्ष 1989 में यूटी टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा किए गए केस के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि यूटी चंडीगढ़ के रूलों में पंजाब के रूलों के हिसाब से डैपूटेशन का कोई प्रावधान नहीं है।
कैट के फैसले के अनुसार कोर्ट ने कहा था कि शिक्षा विभाग चंडीगढ़ में डैपूटेशन का कोई नियम नहीं है व चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा अगर रूलों में डैपूटेशन पर की जा रही है तो चंडीगढ़ प्रशासन रूल्स बनाने के लिए सक्षम नहीं है। यूटी टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के 1989 के फैसले अनुसार यह कहा गया था कि यूटी चंडीगढ़ का कोई भी कर्मचारी डैपूटेशन के कारण नौकरी से नहीं निकाला जाएगा चाहे वह एडहाक पर लगा हो व उन पहले से लगे कच्चे कर्मचारियों को पोस्ट होने व नियमित किया जाएगा।
महासचिव जीत सिंह सोमल ने कहा कि चंडीगढ़ के रूलों में डैपूटेशन का कोई प्रावधान नहीं है तथा शिक्षा विभाग को डैपूटेशन पर भर्ती नहीं करनी चाहिए व चंडीगढ़ के शिक्षा विभाग में पहले से लगे कांट्रैक्ट व गेस्ट टीचर्स को पक्का करना चाहिए।