चंडीगढ़, 9 फरवरी। आज यूटी कैडर एजुकेशनल एप्लाइज यूनियन और ज्वाइंट एक्शन कमेटी की साझा बैठक हुई। जिसमे यह विचार की गई कि पंजाब और हरियाणा से शिक्षा विभाग, चंडीगढ़ यूटी के अलग-अलग सरकारी स्कूलों मे डेपुटेशन पर आकर ओवर स्टे हो चुके लेक्चरर, टीचर्स और जेबीटी को उसी प्रकार वापिस भेजा जाए। जिस प्रकार से हेल्थ डिपार्टमेंट डेपुटेशन पर आकर ओवर स्टे हो चुके डाक्टर्स को वापिस उनकी पैरेंट स्टेट भेज रहा है।
यूनियन ने जारी एक बयान में कहा कि यूनियन बताना चाहती है कि कोई भी कर्मचारी डेपुटेशन पर सिर्फ 3 साल के लिए ही आ सकता है और उस को हर साल विभाग से एक साल की एक्सटेंशन लेनी होती है। परंतु शिक्षा विभाग में डेपुटेशन पर आकर किसी ने भी एक बार भी एक्सटेंशन नहीं ली और नियमों को तोड़कर सरकारी स्कूलों में जमकर बैठे है। हैरानी की बात तो यह है कि कोई आफिसर भी इधर ध्यान नहीं दे रहा।
72 लेक्चरर, 172 टीजीटी, 146 जेबीटी, टीचर्स बुरी तरह से ओवर स्टे हो कर सरकारी स्कूलो मे बैठे है। जो भी लेक्चरर, टीजीटी, जेबीटी चंडीगढ़ यूटी मे ओवर स्टे हो कर बैठे है इनमें से किसी ने भी एक साल तक की एक्सटेंशन भी नहीं ले रखी है। यूटी कैडर एजुकेशनल एप्लाइज यूनियन और ज्वाइंट एक्शन कमेटी मांग करती है कि इस मामले की विजिलेंस इन्क्वाइरी करवाई जाए और दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करके वापिस पेरेंट स्टेट भेजा जाए।
यह जानकारी ज्वाइंट एक्शन कमेटी चंडीगढ़ यूटी के प्रधान रनबीर राणा एवं यूटी कैडर एजुकेशनल एप्लाइज यूनियन, चंडीगढ़ यूटी के प्रधान स्वर्ण सिंह कम्बोज ने एक विज्ञप्ति में दी।