पशुपालन, पोल्ट्री व्यवसाय व मत्स्य पालन को बढ़ावा देकर आर्थिक रूप से किसानों को किया जा सकता है सुदृढ़: राज्यपाल

Spread the love

चण्डीगढ़ 8 फरवरी। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि प्रदेश में कृषि से जुड़े कार्यों, पशुपालन, पोल्ट्री व्यवसाय व मत्स्य पालन को बढ़ावा देकर किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ किया जा सकता है। यह बात उन्होंने मंगलवार को राज्य के कृषि मंत्री जे.पी. दलाल से बातचीत में कही। दलाल भिवानी में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय पशु मेले के उद्घाटन के लिए राज्यपाल दत्तात्रेय को निमंत्रण देने राजभवन पहुंचे थे।
दत्तात्रेय ने कहा कि उन्हें खुशी है कि हरियाणा कृषि और पशुपालन के मामले में देश का अग्रणी राज्य है। कृषि और पशुपालन प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। सरकार भी किसान कल्याण की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा मत्स्य पालन और पोल्ट्री व्यवसाय भी प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ज्ञात रहे कि हरियाणा से 2500 करोड़ रूपये की मछली अन्य राज्यों को भेजी रही हैं। इसी प्रकार से पोल्ट्री व्यवसाय में हरियाणा हब के रूप में विकसित हो चुका है।
उन्होंने पशुधन से सम्बन्धित केन्द्रीय व राज्य की योजनाओं को बेहतर ढंग से क्रियान्वित करने के लिए कृषि मंत्री की सराहना की और कहा कि कृषि क्षेत्र में हाइब्रिड बीज तैयार करने और पशु नस्ल सुधार में सम्बन्धित विश्वविद्यालयों का सहयोग लें और इन विश्वविद्यालयों द्वारा की गई शोध व तकनीकों के बारे में किसानों और पशुपालकों को जानकारी उपलब्ध करवाएं और प्रशिक्षित भी करें।
इस अवसर पर जे.पी. दलाल ने कृषि, पशुपालन, मत्स्य विभागों की गतिविधियों की जानकारी दी और बताया कि 1142 ग्राम दूध प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन की उपलब्धता होने से प्रदेश दूग्ध उत्पादन में देश का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य बना है। उन्होंने कहा कि पशुधन क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं। इसके साथ-साथ 100 रूपये में प्रत्येक पशु का बीमा किया जा रहा है। इस तरह से पशु बीमा सुविधा उपलब्ध करवाने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है।
उन्होंने भिवानी में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय पशु मेले के बारे में जानकारी दी और कहा कि इस मेले में प्रदेश के साथ-साथ अन्य प्रदेशों से भी पशुपालकों को आमंत्रित किया जाता है ताकि उन्हें पशु नस्ल सुधार व पशुधन विकास से सम्बन्धित योजनाओं व कार्यक्रमों का पता चल पाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *