चंडीगढ़, 8 फरवरी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में निरसन विधेयक 2021 के मसौदे को मंजूरी दी गई। विधेयक को अब विधानसभा के समक्ष रखा जाएगा।
मसौदा विधेयक के अनुसार राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के ऐसे 20 अधिनियमों को निरस्त किया जाएगा, जो पुराने हैं और अब उपयोग में नहीं हैं।
विभागीय समिति ने राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के विभिन्न पुराने एवं अप्रचलित अधिनियमों को निरस्त करने के संबंध में अपनी रिपोर्ट दी है।
इस समिति की सिफारिशों के अनुसार राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग से संबंधित जिन अधिनियमों को निरस्त करने का प्रस्ताव है उनमें पंजाब नदी सीमा अधिनियम, 1899, सरकारी भूमि का उपनिवेशीकरण (पंजाब)अधिनियम, 1912, पंजाब जिला बोर्ड (कर सत्यापन) अधिनियम,1927, पंजाब कर्ज माफी अधिनियम,1934, पंजाब कॉपिंग फीस अधिनियम,1936, पंजाब रिस्टिट्यूशन ऑफ मॉर्गेज्ड लैंड्स एक्ट,1938, पंजाब जागीर अधिनियम,1941, पूर्वी पंजाब स्थानीय प्राधिकरण(कार्यों के प्रतिबंध)अधिनियम, 1947, पूर्वी पंजाब सीमा विस्तार अधिनियम,1947, पूर्वी पंजाब शरणार्थी पुनर्वास(ऋण एवं अनुदान) अधिनियम,1948, पूर्वी पंजाब शरणार्थी (दावों का पंजीकरण) अधिनियम, 1948, पूर्वी पंजाब शरणार्थी पुनर्वास(भवन एवं भवन स्थल) अधिनियम,1948, पूर्वी पंजाब शरणार्थी पुनर्वास (गृह निर्माण ऋण)अधिनियम,1948, पूर्वी पंजाब शरणार्थी भूमि दावों का पंजीकरण अधिनियम,1948, पंजाब जिला बोर्ड (कर सत्यापन)अधिनियम, 1955, पंजाब भू राजस्व (विशेष मूल्यांकन)अधिनियम,1955, पंजाब भूदान यज्ञ अधिनियम,1955, अंबाला जिला बोर्ड कर सत्यापन अधिनियम,1956, पंजाब जागीर बहाली अधिनियम,1957 और पंजाब भू राजस्व विशेष मूल्यांकन (छूट) अधिनियम, 1962 शामिल हैं।