चंडीगढ़, 8 फरवरी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना (एमएमपीएसवाई) के कार्यान्वयन को संशोधित स्वीकृति प्रदान की गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एमएमपीएसवाई के तहत, एमएमपीएसवाई पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों के अनुसार स्व-घोषणा के आधार पर 2019-20 और 2020-21 के दौरान 8,77,538 परिवारों को 270.84 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई। नागरिक संसाधन सूचना विभाग (सीआरआईडी) से प्राप्त सत्यापित आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 31 जनवरी, 2022 को एमएमपीएसवाई के तहत प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के 2,83,772 लाभार्थियों को प्रीमियम की प्रतिपूर्ति के रूप में 3,54,77,472 वितरित किए गए।
यह योजना निम्नलिखित मानक संचालन प्रक्रिया के आधार पर क्रियान्वित की जा रही है अर्थात सीआरआईडी उन परिवारों का सत्यापित डेटा प्रदान करेगी जिनकी पारिवारिक आय 1.80 लाख रुपये वार्षिक से कम या उसके बराबर है और जिनके पास परिवार पहचान पत्र पहचान संख्या है। पात्र लाभार्थियों की पहचान सीआरआईडी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से की जाएगी।
स्वर्ण जयंती हरियाणा वित्तीय प्रबंधन संस्थान (एसजेएचआईएफएम) पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई के लाभार्थियों के संबंध में सत्यापित डेटा को संस्थागत वित्त एवं ऋण नियंत्रण (आईएफसीसी) विभाग के साथ-साथ पंजाब नेशनल बैंक, जोकि अग्रणी बैंक है और राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) के संयोजक को भेजेगा। जिन लाभार्थियों ने पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई योजना का लाभ नहीं लिया है, बैंक यह कहते हुए उन्हें इन योजनाओं को लेने के लिए प्रोत्साहित करेंगे कि एमएमपीएसवाई के तहत राज्य सरकार द्वारा प्रीमियम की प्रतिपूर्ति की जाएगी। संस्थागत वित्त एवं ऋण नियंत्रण (आईएफसीसी) बैंकों से डेटा का वेरिफिकेशन कराएगा। एसजेएचआईएफएम, सीआरआईडी से प्राप्त डेटा में उल्लिखित लाभानुभोगी के व्यवसायिक स्तर के अनुसार तीन मानधन योजनाओं नामत: पीएमकेएमवाई, पीएमएसवाईएमवाई, पीएमएलवीएमवाई के लाभानुभोगी तय करेगा और सत्यापन के लिए संबंधित नोडल विभाग (कृषि एवं किसान कल्याण तथा श्रम विभाग) को भेजेगा। जिन लाभार्थियों ने मानधन योजना नहीं ली है, उन्हें विभाग मानधन योजनाओं में नामांकित होने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
एमएमपीएसवाई योजना के तहत, 6000 रुपये प्रति परिवार की राशि के लिए पात्र लाभार्थी पांच केंद्रीय योजनाओं अर्थात पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई, पीएमकेएमवाई, पीएमएसवाईएमवाई और पीएमएलवीएमवाई का लाभ पाने के हकदार होंगे। 6000 रुपये की बीमा राशि का उपयोग लाभार्थी की पात्रता के अनुसार उक्त सभी योजनाओं के प्रीमियम का भुगतान करने के लिए किया जाएगा।
केंद्र सरकार की 5 योजनाओं में से किसी भी योजना में शामिल होने के समय लाभार्थी अंशदान की पहली किस्त का भुगतान लाभार्थी द्वारा स्वयं किया जाएगा, जिसकी प्रतिपूर्ति बाद में राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। तत्पश्चात, योजना को जारी रखने के कारण देय आगामी प्रीमियम का भुगतान राज्य सरकार द्वारा प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से लाभार्थी के खातों में या बीमा कंपनी को किया जाएगा।
तीन मानधन योजनाओं (पीएमकेएमवाई, पीएमएसवाईएमवाई और पीएमएलवीएमवाई) के पात्र लाभार्थियों के लंबित बकाया/प्रीमियम का भुगतान भी पहली अप्रैल, 2020 से एमएमपीएसवाई के तहत किया जाएगा।