चंडीगढ़, 9 मार्च । मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा शुरू की गई अनूठी सांझ शक्ति पहलकदमी से अब पंजाब में महिलाएं, बच्चे और वरिष्ठ नागरिक अपराध, शोषण या घरेलू हिंसा के किसी भी अपराध की रिपोर्ट ‘181’ पर कॉल करके कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री द्वारा सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए राज्य के सभी 382 पुलिस स्टेशनों में साझ शक्ति हेल्प डैस्क स्थापित किए गए, इसके साथ ही सांझ शक्ति हेल्पलाइन ‘181’ भी शुरू की गई।
समाज के कमज़ोर वर्गों के सशक्तिकरण और सुरक्षा सम्बन्धी बेमिसाल प्रोजैक्ट शुरू करने के लिए डीजीपी दिनकर गुप्ता के नेतृत्व में पंजाब पुलिस की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रयास महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों को भरोसे योग्य और उचित माहौल में पुलिस के साथ अपनी चिंताएं और शिकायतें साझा करने में सहायता करेंगे।
डीजीपी गुप्ता ने आगे कहा कि कुल 382 हैल्पडैक्सों में से 266 सांझ केन्द्र कार्यशील हैं, जो थानों के पास ही अलग सांझ केंद्र इमारतों में स्थित हैं, जबकि बाकी के 116 हेल्प डैस्क सांझ केंद्र की इमारतें न होने के कारण पुलिस स्टेशनों में स्थापित किए गए हैं।
सांझ केन्द्रों को नया डिज़ाइन और रूप प्रदान किया गया है, जिससे सांझ केन्द्रों में आने वाले शिकायतकर्ताओं को इन केन्द्रों में तैनात पंजाब पुलिस महिला मित्र (पीपीएमएम) या वूमैन पुलिस $फ्रैंड, जो महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों को शिकायतें और बयान दर्ज करने और कार्यवाही रिपोर्टें तैयार करने में सहायता करते हैं, के साथ बातचीत करते समय बैठने के लिए आरामदायक जगह और भरोसे योग्यता प्रदान की जा सके।
हर हैल्पडैस्क पर दो महिलाएं ‘पीपीएमएम’ तैनात होंगी, जो बयान दर्ज करवाएंगी और रैफरैंस के लिए शिकायतकर्ता को एक विलक्षण पहचान नंबर भी प्रदान करेंगी। हर शिकायत की निगरानी ए.डी.जी.पी. कम्युनिटी अफेअरज़ डिवीजऩ एंड वूमैन एंड चाइल्ड अफेअरज़ की तरफ से जाएगी और शिकायतकर्ताओं को उनकी शिकायतों की प्रगति सम्बन्धी जानकारी की सुविधा भी मुहैया करवाई जाएगी।
डीजीपी ने ‘181’ हेल्पलाइन का विवरण देते हुए कहा कि इस सहायता को सेवाओं और कानूनी कार्यवाहियों के लिए सम्मानजनक पहुँच प्रदान करने के लिए सभी हेल्प डेस्कों के साथ जोड़ा जाएगा। इस हेल्पलाइन पर पुलिस को घरेलू हिंसा, छेड़-छाड़ या अन्य परेशानी आदि की रिपोर्ट करने के अलावा, शिकायतकर्ता साईबर क्राइम जैसे कि तस्वीरों के साथ छेड़छाड़, महिलाओं की नकली प्रोफाइल बनाना, साईबर स्टॉकिंग या सोशल मीडिया, इन्टरनेट या ई-मेल के द्वारा शोषण की रिपोर्ट कर सकता है और अगली जाँच के लिए यह केस राज्य के साईबर क्राइम सैल को भेजे जाएंगे।
डीजीपी ने कहा कि 181 हेल्पलाइन पर तैनात पुलिस अधिकारी अपराधियों को बुलाएंगे और उनको कानूनी नतीजों के बारे में चेतावनी देंगे और अगर ऐसा शोषण बंद न हुआ तो शिकायतकर्ता की फीडबैक के बाद कानूनी कार्यवाही भी आरंभ की जाएगी। कॉल मुख्य तौर पर सॉफ्ट स्किल्ज़ की प्रशिक्षण प्राप्त महिला ऑपरेटरों द्वारा सुनी जाएंगी और फ़ोन करने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि शिकायतकर्ता इस हेल्पलाइन पर नशा तस्करी/पैडलिंग संबंधी भी सूचना दे सकते हैं।
गुप्ता ने महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए उचित वातावरण को यकीनी बनाने के लिए पंजाब पुलिस की वचनबद्धता को दोहराया जिससे वह किसी जुर्म के बारे में सूचना देने में संकोच न करें।