निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मियों द्वारा 1 फरवरी को की जा रही हड़ताल की तैयारियां जोरे पर

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चण्डीगढ़, 27 जनवरी। यूटी पावरमैन यूनियन के आह्वान पर चण्डीगढ़ के बिजली कर्मियों ने केन्द्र सरकार द्वारा चण्डीगढ़ के बिजली विभाग के निजीकरण की फाइल को क्लीयर कर बिजली का काम निजी कम्पनी एमीनेंट को देने के खिलाफ 1 फरवरी 2022, 7 फरवरी 2022 तथा 23-24 फरवरी 2022 को हड़ताले करने का ऐलान किया है। इस कड़ी में 11 जनवरी तथा 24 जनवरी को विषाल रोष प्रर्दषन कर पंजाब के राज्यपाल व चण्डीगढ़ के प्रशासक माननीय बनवारी लाल पुरोहित को ज्ञापन देकर कोर्ट का फैसला आने तक तथा कर्मचारियों की सेवा शर्ते व पैंनशनरी बैनेफिट बहाल रखने के लिए ट्रांसफर पॉलिसी नोटिफाई करने तक निजीकरण की अगली प्रक्रिया पर रोक लगाने की अपील की है। इसी कड़ी में 1 फरवरी को सभी षिफ्टों में हो रही हड़ताल की तैयारियां निरंतर जारी हैं। इस कड़ी में नोटिस देने के बावजूद चण्डीगढ़ प्रशासन लगातार निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में लगा है तथा माननीय पंजाब एण्ड हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार भी करने को तैयार नहीं है तथा लगातार अगला एक्षन प्लान करने में लगा है। यूनियन ने इस कदम के विरोध में 7 फरवरी को भी प्रषासक के सलाहकार, वित्त सचिव, मुख्य अभियन्ता व अधीक्षक अभियन्ता को 7 फरवरी को भी हड़ताल का नोटिस दे दिया है।
इस कड़ी में 1 फरवरी की हड़ताल की तैयारी के सिलसिले में आज बिजली दफ्तर सैक्टर 43 के सामने रोष रैली की गई। रैली को सम्बोधित करते हुए यूनियन के प्रधान ध्यान सिंह, महासचिव गोपाल दत्त जोशी, वरिष्ठ उप प्रधान अमरीक सिंह, गुरमीत सिंह, कश्मीर सिंह, राजिन्द्र कुमार आदि ने केन्द्र सरकार व चण्डीगढ़ प्रशासन आरोप लगाया कि प्रशासन ने मानीय पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा 16 फरवरी 2021 को दिये फैसले की उल्लंघना की है जिसमें माननीय उच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट निर्णय दिया है कि प्रशासन द्वारा किया गया कोई भी निर्णय व कार्यवाही हाईकोर्ट द्वारा दिेय जाने वाले अन्तिम निर्णय पर निर्भर करेगी। यह बहुत ही दुखदायी है कि प्रशासन ने पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले की अनदेखी करके फाईनैंस बिड़ भी खोल दी तथा केन्द्र सरकार को अंधेरे में रखकर उस पर कैबिनेट की मुँहर भी लगवा ली जो सीधे तौर पर कोर्ट की अवमानना है क्योंकि माननीय हाईकोर्ट ने अभी मैरिट के आधार पर अन्तिम निर्णय नहीं दिया है तथा केार्ट में अगली सुनवाई 10 मार्च है। वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि सरकार व प्रषासन को कोई भी फैसला लेने से पहले ट्रांसफर पॉलिसी बनानी चाहिए तथा कर्मचारियों समेत सभी हितधारको से ऐतराज व सुझाव लेने चाहिए तथा ट्रांसफर पॉलिसी नोटिफाई कर सरकारी तौर पर काम कर रहे कर्मचारियों की सारी सेवाषर्ते, पेंषन, ग्रेच्युटी, सभी भत्ते बहाल रखने चाहिए तथा जीपीएफ व ट्रेजरी सिस्टम बरकरार रखा कर ट्रस्ट बनाने का विचार रद्द करना चाहिए। वक्ताओं ने पुनः जोर देकर कहा कि प्रषासन को ट्रासफर पॉलिसी नाटोफाई करने तक तथा कोर्ट का फैसला आने तक निजीकरण का अगला प्रोसैस तुरंत रोका जाये।
रैली में सरकार के अड़ियल रवैये को देखते हुए 1 फरवरी के बाद 7 फरवरी तथा 23 व 24 फरवरी को भी मुकम्मल हड़ताल करने का ऐलान किया गया तथा हड़ताल के कारण आम जनता को होने वाली परेषानी के लिए केन्द्र सरकार व चण्डीगढ़ प्रषासन के गैरकानूनी तथ असंवैधानिक फैसले को जिम्मेवार ठहराया। कर्मचारी नेताओं ने सभी बिजली कर्मचारियों को 1 फरवरी 2022 को की जा रही हड़ताल को कामयाब करने की अपील करते हुए जोर देकर कहा कि निजीकरण के बाद कर्मचारियों के साथ साथ चण्डीगढ़ की आम जनता को भी मंहगे बिलों का भुगतान करना होगा क्योंकि सरकार द्वारा तय की गई कम्पनी का बिजली का रेट चण्डीगढ़ के रेट से दोगुने से अधिक है। इसलिए सभी राजनीतिक पार्टियों, ट्रेड यूनियनों, मुहल्ला समितियों को निजीकरण की नीति का डटकर विरोध करना चाहिए।

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