करनाल, 21 जनवरी। एनडीए ने पंजाब में भाजपा गठबंधन के पक्ष में जनता का रुझान बढ़ने का दावा किया है। हरियाणा भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि पंजाब की जनता परिवर्तन चाहती है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस से निकलने के बाद लोगों का इस पार्टी से मोह भंग हो चुका है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों की डबल इंजन की सरकार ही इस सीमावर्ती राज्य के लोगों की आकांक्षाएं पूरी कर सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर राज्य की जनता का भाजपा के प्रति रुझान बढ़ा है जो आने वाले विधानसभा चुनाव के परिणामों में परिलक्षित होगा।
डॉ. चौहान ने कांग्रेस में छिड़े घमासान पर तंज कसते हुए कहा कि पंजाब में कांग्रेस का चुनाव अभियान बिना दूल्हे की बारात जैसा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पंजाब में अंतर्कलह से जूझ रही है। नवजोत सिंह सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए जंग छिड़ी हुई है, इसलिए बगावत के डर से पार्टी मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं कर पा रही।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सिद्धू के अनुसार मुख्यमंत्री का चेहरा पार्टी आलाकमान तय नहीं कर सकता। पंजाब की धरती फाड़ कर जिसके पक्ष में आवाज निकलेगी, उसे ही मुख्यमंत्री बनाना होगा। लेकिन विभिन्न टीवी चैनलों पर प्रसारित हो रहे किसी भी चुनावी सर्वे में नवजोत सिंह सिद्धू के पक्ष में जनसमर्थन दिखाई नहीं दे रहा। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माने जा रहे इस बड़बोले कांग्रेसी नेता के प्रति पंजाब के लोगों की बेरुखी देश के हित में है। वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान जबरदस्त मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस की जीत हुई थी। उस जीत का श्रेय कांग्रेस की नीतियों को नहीं, बल्कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के राजनीतिक अनुभव और उनकी व्यक्तिगत छवि को दिया गया था। आज कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा के साथ हैं। भाजपा और उसके सहयोगी दलों का गठबंधन इस चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करेगा।
डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि पंजाब सिर्फ एक राज्य ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान से लगता एक संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्र है। यहां नशे की तस्करी के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े तमाम तरह के खतरे हैं। इस्लामी आतंकवाद के साथ-साथ अब यहां खालिस्तानी तत्वों ने भी अपनी गतिविधियां फिर से तेज कर दी हैं। ऐसे में इस राज्य का कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के हाथों में जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण होगा। कांग्रेस के नेता केंद्र की मोदी सरकार को अस्थिर करने के लिए पाकिस्तान से मदद मांगने जाते हैं। कांग्रेस और पाकिस्तान की भाषा लगभग एक जैसी होती है। यह कोई संयोग नहीं हो सकता। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल भी पाकिस्तान में खासे लोकप्रिय हैं। पाकिस्तान में भारतीय सेना द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांग कर केजरीवाल ने पाकिस्तानियों का दिल जीत लिया था और वहां के पोस्टर ब्वॉय बन गए थे।
डॉ. चौहान ने कहा कि देश को स्वच्छ और वैकल्पिक राजनीति देने के नाम पर राजनीति के मैदान में आई आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के दलदल से अछूती नहीं रह सकी। केजरीवाल समेत इसके कई नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। अपनी राजनीतिक विचारधारा विकसित करने के बजाय आम आदमी पार्टी ने भी कांग्रेस के मुस्लिम तुष्टीकरण के स्थापित सिद्धांत पर ही चलना बेहतर समझा। रही-सही कसर इसकी मुफ्तखोरी की पॉलिसी ने पूरी कर दी है। बिजली-पानी मुफ्त देने का लालच देकर आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सत्ता हासिल की थी। वित्तीय संकट का रोना रो रहे केजरीवाल के इस मुफ्त मॉडल को अब अन्य दलों ने भी अपनाना शुरू कर दिया है। राजनीति का यह विकृत रूप है जो देश को गंभीर संकट की ओर ले जाएगा।