चंडीगढ़, 20 जनवरी। पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद अब कांग्रेस भी अपना सीएम उम्मीदवार घोषित करने की तैयारी कर रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने सीएम उम्मीदवार घोषित नहीं किया था, पार्टी के कई नेता इस बात को ही हार की वजह मान रहे थे। इसलिए इस बार आम आदमी पार्टी ने पिछले चुनाव को ध्यान में रखते हुए भगवंत मान को अपना सीएम उम्मीदवार घोषित कर दिया है। वहीं अब कांग्रेस भी सोच रही है कि वह चुनाव से पहले सीएम उम्मीदवार घोषित कर दिए जाएं ताकि वोटों का ध्रुवीकरण नहीं हो। क्योंकि मतदाता अभी असमंजस की स्थिति में हैं कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद का दावेदार कौन होगा। कांग्रेस को इस बात का डर है कि कहीं उसका वोट बैंक आम आदमी पार्टी की तरफ़ ना चला जाए। इसलिए पार्टी आलाकमान सीएम उम्मीदवार घोषित करने के लिए मंथन कर रही है।CM दावेदार की घोषणा करने की तैयारी पंजाब में 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम उम्मीदवार घोषित किया था और जीत भी दर्ज की थी। यही वजह है कि इस बार भी कांग्रेस चाह रही है कि चुनावी मैदान में सीएम दावेदारी की घोषणा कर दी जाए ताकि उनके वोट बैंक में सेंधमारी नहीं हो सके। सूत्रों की मानें तो पंजाब में कांग्रेस चरणजीत सिंह चन्नी को ही सीएम उम्मीदवार घोषित करने की तैयारी कर रही है। इस बाबत पार्टी आलाकमान गुप्त रूप से सभी विधानसभा सीटों पर चरणजीत सिंह चन्नी के सीएम प्रोजेक्ट करने से नफा और नुकसान का आंकलन कर रही है। पार्टी हाईकमान हर उस पहलुओं पर विचार विमर्श कर रही है कि चन्नी को सीएम उम्मीदवार घोषित करने से क्या-क्या हालात पैदा हो सकते हैं।
नफा और नुकसान का आंकलन कर रही कांग्रेस पंजाब कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी आलाकमान को दिए फ़ीडबैक में इस बात का ज़िक्र किया है चुनावी रण में सीएम उम्मीदवार की घोषणा कर दी जाए। बिना मुख्यमंत्री के दावेदार के चुनावी जंग जीतना मुश्किल है, सीएम उम्मीदवार नहीं होने की वजह से पंजाब में कांग्रेस के वोटों का ध्रुवीकरण हो सकता है। आलाकमान को चाहिए की वह सीएम उम्मीदवार की घोषणा कर दें। चुनावी रणनीतिकारों का मानना है कि पंजाब के जो मौजूदा सियासी हालात हैं उसके मद्देनज़र चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम उम्मीदवार घोषित करने से कांग्रेस का पलड़ा भारी हो सकता है। मुख्यमंत्री के तौर पर चरणजीत सिंह चन्नी ने 111 दिनों के कार्यकाल में खुद की छवि कामयाब सीएम के तौर पर बनाई है। सूत्रों की मानें तो सियासी समीकरणों को देखते हुए पार्टी चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम उम्मीदवार घोषित कर सकती है। सीएम उम्मीदवार घोषित करने पर पार्टी में बग़ावत और चरणजीत चन्नी को सीएम उम्मीदवार घोषित करने पर नफा और नुकसान का आंकलन भी कांग्रेस कर रही है। दलित मतदाताओं को साधने की कोशिश पंजाब कांग्रेस सिद्धू को अगर सीएम उम्मीदवार नहीं घोषित करती है तो इससे ज़्यादा नुकसान नहीं होने वाला है। क्योंकि जनता के बीच बतौर सीएम नवजोत सिंह सिद्धू ज्यादा पसंद नहीं किए जा रहे हैं। सिद्धू को 6 फ़ीसद जनता ही पसंद कर रही है तो वहीं चरणजीत सिंह चन्नी को 33 फीसदी जनता पसंद कर रही है। चन्नी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने पर करीब 30 फ़ीसदी दलित वोट बैंक कांग्रेस के पाले में आ सकता है। चन्नी को पंजाब के मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद दलित वर्ग का समर्थन कांग्रेस को मिल रहा है। चूंकि दलित वोट बैंक पंजाब की सियासत में अहम किरदार अदा करती है, इसलिए कांग्रेस चुनावी रण में चरणजीत सिंह चन्नी को उम्मीदवार घोषित करने की रणनीति तैयार कर रही है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने एक ट्वीट के जरिए चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम प्रोजेक्ट करने के संकेत दिए हैं। हालांकि एक बयान में वीडियो का खंडन भी किया गया है कि पंजाब में कांग्रेस संयुक्त रूप से चुनावी मैदान में है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस आलाकमान चन्नी को सीएम प्रोजेक्ट करने की तैयारी कर रही है।