चंडीगढ़, 19 जनवरी। हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन सुभाष बराला ने कहा कि हरियाणा भूमि सुधार एवं विकास निगम की ओर से प्रदेश में भूमि विकास, संरक्षण एवं जल भराव वाली भूमि के सुधार के उपाय शुरू करने के लिए विशेष योजना बनाकर कार्य किए जाएं। क्षारीय एवं जलभराव वाली भूमि को उपजाऊ योग्य बनाने के लिए जरूरी कदम उठाएं जाएं तथा प्रदेश में बरानी भूमि के संबंध में पूर्ण रिपोर्ट तैयार की जाए ताकि इसमें योजनाबद्ध तरीके से जरूरी उपाय सुनिश्चित किए जा सकें।
बराला बुधवार को हरियाणा भूमि सुधार एवं विकास निगम के माध्यम से संचालित विभिन्न गतिविधियों की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि रोहतक, झज्जर, सोनीपत, गोहाना सहित प्रदेश के कई अन्य क्षेत्रों में भी सेम की समस्या बढ़ रही है। इस समस्या का स्थाई समाधान किया जाना आवश्यक है ताकि भूमि की गुणवत्ता व उपजाऊ शक्ति बनी रहे। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे फील्ड में ऐसी गतिविधियां चलाएं, जिससे सेम की समस्या का स्थाई समाधान हो। वैज्ञानिक तरीक से क्षारीय भूमि को सुधारने की योजना बनाकर कार्य करें। प्रदेश के सभी जिलों में इस तरह की समस्त भूमि का एक डाटा बेस तैयार होना चाहिए। जहां पर जरूरत हो, वहां जिप्सम आदि भी किसानों को दी जाए। उन्होंने कहा कि जिन किसानों के खेत दलदली हो गए हैं यानी हर वक्त पानी जमा रहता है, वे किसान ऑनलाइन पोर्टल पर अपना आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद विभागीय स्तर पर योजना बनाकर उनकी समस्या को हल करने का प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बाढ़़ या सूखे से होने वाले नुकसान से भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में अधिकतर भूमि कृषि योग्य और उपजाऊ बनाई जाए। बंजर व सेम प्रभावित भूमि को सुधारा जाए। पानी निकासी के लिए पाइप लाइन बिछाने संबंधी अन्य योजनाओं पर काम किया जाए। इस संबंध में विभाग के अधिकारियों ने भी जरूरी सुझाव दिए।
इस अवसर पर हरियाणा भूमि सुधार एवं विकास निगम के एमडी राजीव रत्न, वित्तीय सलाहकार किरण रेखा वालिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।