चण्डीगढ़, 17 जनवरी। बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ 1 फरवरी 2022 को बिजली कर्मचारियों की हो रही हड़ताल की तेयारी जोरों पर है। इस सम्बन्ध में यूअी पावरमैन यूनियन द्वारा सभी कार्यालयों में गेट मीटिंग व रोष रैलियां की जा रही है। इस सम्बन्ध में आज बिजली दफ्तर सैक्टर 15 के सामने रोष रैली की गई।
रोष रैली को सम्बोधित करते हुए यूनियन के महासचिव गोपाल दत्त जोशी, उप प्रधान गुरमीत सिंह, सुखविन्दर सिंह, मक्खन सिंह व रंजीत सिंह ने केन्द्र सरकार व चण्डीगढ़ प्रषासन आरोप लगाया कि प्रषासन ने मानीय पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा 16 फरवरी 2021 को दिये फैसले की उल्लंघना की है जिसमें माननीय उच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट निर्णय दिया है कि प्रषासन द्वारा किया गया कोई भी निर्णय व कार्यवाही हाईकोर्ट द्वारा दिेय जाने वाले अन्तिम निर्णय पर निर्भर करेगी। यह बहुत ही दुखदायी है कि प्रषासन ने पंजाब हरियणा उच्च न्यायालय के फैसले की अनदेखी करके फाईनैंस बिड़ भी खोल दी तथा केन्द्र सरकार को अंधेरे में रखकर उस पर कैबिनेट की मुँहर भी लगवा ली जो सीधे तौर पर कोर्ट की अवमानना है क्योंकि माननी हाईकोर्ट ने अभी मैरिट के आधार पर अन्तिम निर्णय नहीं दिया है तथा केार्ट में अगली सुनवाई 20 जनवरी है। उन्होंने ने जोर देकर कहा कि सरकार व प्रषासन को कोई भी फैसला लेने से पहले सरकारी तौर पर काम कर रहे कर्मचारियों की सारी सेवाषर्ते, पेंषन, ग्रेच्युटी, सभी भत्ते बहाल रखे जायें तथा जीपीएफ व ट्रेजरी सिस्टम बरकरार रखा जाये। वक्ताओं ने कहा कि सरकार द्वारा ट्रस्ट बना कर कर्मचारियों के फण्ड हड़पने का हर हालत में विरोध होगा।
यूनियन के प्रधान ध्यान सिंह ने चण्डीगढ़ प्रषासन पर दोष लगाया कि प्रषासन निजीकरण की दौड़ में इतना अन्धा है कि बिजली कर्मचारियों के संषोधित वेतनमान भी लागू नहीं कर रहा। कर्मचारियों की भर्ती 2-3 साल से बन्द की हुई है। पिछले साल जनवरी से पोस्टें होने व योग्यता होने के बावजूद भी कर्मचारियों की प्रमोषन रोकी हुई है उन्होंने कहा कि बिजली कर्मचारियों की सेवाशर्तो पर कोइ्र समझाौता नहीं किया जायेगा।
यूनियन प्रतिनिधियों ने सभी कर्मचारिों से 24 जनवरी को गर्वनर हाऊस मार्च कर 1 फरवरी को मुकम्मल हड़ताल करने की अपील की तथा प्रषासन को चेतावनी दी कि अगर नियमों को ताक में रखकर उससे पहले ही कर्मचारियों व जनता के भविष्य से खिलवाड़ करने की कोषिष की तो तुरन्त प्रभाव से अनिष्चितकालीन हड़ताल की जिम्मेवारी प्रषासन की होगी।