राज्य सरकार महिलाओं के उत्थान के लिए लगातार काम कर रही

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चंडीगढ़, 7 मार्च । हरियाणा सरकार द्वारा महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों से हरियाणा की महिलाएं न केवल शिक्षित, तकनीक की समझ रखने वाली हैं, बल्कि अपने अधिकारों को भी अच्छी प्रकार से जानती हैं।
राज्य और केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में राज्य की महिलाओं और पुरुषों दोनों द्वारा किए गए कई ट्वीट्स से यह पता लगाया जा सकता है। वास्तव में, राज्य सरकार महिलाओं के उत्थान के लिए लगातार काम कर रही है, चाहे वह उनकी शिक्षा, सुरक्षा और कल्याण से सम्बंधित हो।
राज्य में ई-गवर्नेंस के कार्यान्वयन ने सुनिश्चित किया है कि मुख्यमंत्री कार्यालय लोगों से केवल एक क्लिक की दूरी पर है। राज्य की सशक्त महिलाओं द्वारा किये गए ट्वीट्स के विवरण को सांझा करते हुए मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार, ध्रुव मजूमदार ने बताया कि जिला भिवानी के सिरसा घोघरा गांव की निवासी सुमन ने मुख्यमंत्री कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया था कि उन्हें राशन नहीं मिल रहा है जो सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं के तहत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को दिया जाना चाहिए। सोशल मीडिया शिकायत ट्रैकर (एसएमजीटी) टीम, जो ट्विटर हैंडल का प्रबंधन करती है, इस पर तुरंत कार्रवाई में जुट गई और इसके बाद सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार सुविधाएं प्रदान की गईं।
सोनीपत के मोहना निवासी ने एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीजे) के तहत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए 5,000 रुपये की नकद प्रोत्साहन राशि जारी करने की मांग की। महिला के पति दीपक ने इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय के ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को दस्तावेज जमा किए थे, लेकिन वेबसाइट पर इसे अपडेट नहीं किया गया, जिससे उक्त प्रोत्साहन राशि जारी करने में देरी हुई। उनके ट्वीट करने के कुछ घंटे बाद संबंधित विभाग को एक कॉल की गई और दस्तावेजों को उनकी उपस्थिति में तुरंत अपडेट किया गया।
एक अन्य ट्वीट के विवरण में, जिसमें एक पिता ने बालिका के माता-पिता को दिए गए नकद प्रोत्साहन के संबंध में ट्वीट किया था, मजूमदार ने बताया कि महेंद्रगढ़ के निवासी विक्रम सिंह ने यह कहते हुए ट्वीट किया था कि नकद प्रोत्साहन राशि जारी नहीं की गई है। तेजी से कार्य करते हुए, एसएमजीटी टीम ने बाद में संबंधित विभाग के साथ समन्वय किया और प्रोत्साहन राशि को प्राथमिकता के आधार पर जारी किया गया।

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