चण्डीगढ़, 11 जनवरी। यूटी पावरमैन यूनियन के आह्वान पर चण्डीगढ़ के बिजली कर्मियों ने मंगलवार को केन्द्र सरकार द्वारा चण्डीगढ़ के बिजली विभाग के निजीकरण की फाइल को क्लीयर कर बिजली का काम निजी कम्पनी एमीनेंट को देने के खिलाफ आज बिजली दफ्तर सेक्टर 17 के नजदीक विशाल रोष रैली व रोष प्रर्दषन किया गया।
रोष रैली को सम्बोधित करते हुए यूनियन के प्रधान ध्यान सिंह, महासचिव गोपाल दत्त जोशी, वरिष्ठ उप प्रधान अमरीक सिंह ने केन्द्र सरकार व चण्डीगढ़ प्रषासन आरोप लगाया कि प्रषासन ने मानीय पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा 16 फरवरी 2021 को दिये फैसले की उल्लंघना की है जिसमें माननीय उच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट निर्णय दिया है कि प्रषासन द्वारा किया गया कोई भी निर्णय व कार्यवाही हाईकोर्ट द्वारा दिेय जाने वाले अन्तिम निर्णय पर निर्भर करेगी। यह बहुत ही दुखदायी है कि प्रषासन ने पंजाब हरियणा उच्च न्यायालय के फैसले की अनदेखी करके फाईनैंस बिड़ भी खोल दी तथा केन्द्र सरकार को अंधेरे में रखकर उस पर कैबिनेट की मुँहर भी लगवा ली जो सीधे तौर पर कोर्ट की अवमानना है क्योंकि माननी हाईकोर्ट ने अभी मैरिट के आधार पर अन्तिम निर्णय नहीं दिया है तथा केार्ट में अगली सुनवाई 20 जनवरी है।
वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि सरकार व प्रषासन को कोई भी फैसला लेने से पहले सरकारी तौर पर काम कर रहे कर्मचारियों की सारी सेवाषर्ते, पेंषन, ग्रेच्युटी, सभी भत्ते बहाल रखे जायें तथा जीपीएफ व ट्रेजरी सिस्टम बरकरार रखा जाये। वक्ताओं ने कहा कि सरकार द्वारा ट्रस्ट बना कर कर्मचारियों के फण्ड हड़पने का हर हालत में विरोध होगा।
यूनियन के उप प्रधान गुरमीत सिंह, दर्षन सिंह, रणजीत सिंह, कष्मीर सिंह, पान सिंह, रेषम सिंह ने चण्डीगढ़ प्रषासन पर दोष लगाया कि प्रषासन निजीकरण की दौड़ में इतना अन्धा है कि बिजली कर्मचारियों के संषोधित वेतनमान भी लागू नहीं कर रहा। कर्मचारियों की भर्ती 2-3 साल से बन्द की हुई है। पिछले साल जनवरी से पोस्टें होने व योग्यता होने के बावजूद भी कर्मचारियों की वेतनविसंगति आदि मांगों की भी लगातार अनदेखी हो रही है।
रोष रैली को फैड़रेषन ऑफ यूटी इम्पलाईज एण्ड वर्करज के प्रधान रघवीर चन्द, राजेन्द्र कटोच, हरपाल सिंह, हरकेष चन्द के अलावा यूटी एम सी पेंषनर ऐसोसिऐषन के प्रधान राम सरूप, महासचिव सुच्चा सिंह आदि ने भी सम्बोधित करते हुए कहा कि बिजली कर्मचारियों की सेवाषर्तो पर कोई समझौता नहीं किया जायेगा। जिसके खिलाफ सभी विभागों के कर्मचारी भी हड़ताल पर जायेंगे।
रैली में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर 1 फरवरी 2022 को एक दिन की सभी षिफ्टों में मुकम्मल हड़ताल की जायेगी व 23 व 24 फरवरी को 2 दिन की हड़ताल होगी। अगर उससे पहले कर्मचारियों की सेवा शर्तो पर फैसला किये बिना कोई भी जल्दबाजी में फैसला लिया गया तो तुरन्त प्रभाव से अनिष्चितकालीन हड़ताल की जायेगी। हड़ताल से पहले रैलियों, प्रर्दषनों, ज्ञापनों व जत्थामार्च का ऐलान किया गया तथा इसी कड़ी में 18.01.2022 को गर्वनर हाउस की तरफ मार्च कर निजीकरण के खिलाफ ज्ञापन दिया जाएगा।