चंडीगढ़, 8 जनवरी। पंजाब के लोक निर्माण मंत्री विजय इंदर सिंगला ने आज कहा कि राज्य सरकार की तरफ से भवानीगढ़-सुनाम-भीखी-बुढलाडा-बोहा सडक़ का नाम अग्रोहा के महान राजा महाराजा अग्रसेन जी के नाम पर रखा गया है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि भवानीगढ़ से हरियाणा की सीमा तक 87.05 किलोमीटर लम्बी सडक़ का नाम महाराजा अग्रसेन मार्ग रखा गया है क्योंकि यह सडक़ पंजाब के कई बड़े शहरें को अग्रोहा धाम से जोड़ती है।
लोक निर्माण मंत्री ने हरियाणा के मुख्यमंत्री को उनके राज्य में पड़ते अग्रोहा धाम तक सडक़ के बाकी बचे 61 किलोमीटर हिस्से का नाम भी महाराजा अग्रसेन जी के नाम पर रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अग्रोहा धाम वह ऐतिहासिक स्थान है जहाँ अग्रवाल भाईचारे की शुरूआत हुई थी। इसलिए हर साल पंजाब और अन्य राज्यों से सैंकड़े श्रद्धालु इस पवित्र स्थान के दर्शनों के लिए जाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि महाराजा अग्रसेन जी को श्रद्धांजलि भेंट करने के लिए यह पंजाब सरकार द्वारा एक छोटा सा प्रयास है।
मंत्री ने बताया कि सडक़ के नामकरण के अलावा उनकी सरकार ने पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला में महाराजा अग्रसेन के नाम पर अकादमिक चेयर स्थापित की है और वज़ीफ़ा भी शुरू किया है। उन्होंने आगे कहा कि इस चेयर को सुचारू ढंग से चलाने के लिए उनकी सरकार द्वारा 7 करोड़ रुपए के फंड भी मंज़ूर किये गए हैं।
सिंगला ने कहा कि महाराजा अग्रसेन जी को पुरातन समय में उत्तरी भारत में समाज के दबे-कुचले वर्गों की बेहतरी और व्यापार और व्यापारी भाईचारे को उत्साहित करने के लिए उनकी वचनबद्धता के लिए स्मरण किया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि आज के समय के अग्रवाल /बनिया भाईचारे को महाराजा अग्रसेन के वंशज के तौर पर माना जाता है और भाईचारे के 17 गोत्रों (कबीलों) का नाम महाराजा अग्रसेन के पुत्रों के नाम पर रखे गए थे।
सिंगला ने कहा कि इन विकास कामों के अलावा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के गतिशील नेतृत्व अधीन पंजाब सरकार ने कुछ महीनों में ही राज्य के समूचे विकास को यकीनी बनाया है और लोक निर्माण विभाग भी राज्य के लोगों को बेहतर सडक़ी संपर्क प्रदान करने के लिए लगातार काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्धी पंजाब में कई प्रोजैक्ट मुकम्मल किये जा चुके हैं और सडक़ों की गुणवत्ता और अन्य प्रोजेक्टों को भी यकीनी बनाया जा रहा है।