चण्डीगढ़, 5 जनवरी। आईसीसीडब्लयू कर्मचारी यूनियन ने प्रशासन के नकारात्मक मुलाजम विरोधी रवैये के खिलाफ बुधवार को जमकर नारेबाजी करते हुए कंपकपाती ठण्ड और बारिश के बावजूद सैंकडों कर्मचारियों ने रोष प्रर्दषन किया। कर्मचारियों को कर्मचारी यूनियन की प्रधान रेखा शर्मा, वरिष्ठ उप प्रधान सुनिता शर्मा, रेखा गोरा, लखविन्द्र कौर संयुक्त सचिव, वन्दना शेखावत, महासचिव बिहारी लाल, फैड़रेषन ऑफ यूटी इम्पलाईज एण्ड वर्करज के प्रधान रघुबीर चन्द, उप प्रधान राजेन्द्र कटोच, महासिचव गोपाल दत्त जोषी, यूटी एमसी रोड़ वक्ररज व हॉल्टीकलच्र के प्रधान हरकेष चन्द तथा प्रेम पाल आदि ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आईसीसीडब्लयू प्रशासन के अधिकारी कर्मचारियों को पिछले पांच वर्षो से झूठे आश्वासन दे रहे हैं। कम्रचारियों की पांच वर्षो में कोई भी मांग पूरी नहीं की गई। महंगाई कई गुणा बढ़ चुकी है। कर्मचारियों के वेतन में एक रुपये की भी वृद्धि नहीं हुई। आईसीसीडब्लयू में पूर्ण तौर पर भाई भतीजावाद कायम करके पूरा जंगल राज्य बना रखा है। संविधान को नजरअंदाज करके पांच वर्षो में ऐजीएम व ना ही कार्यकारिणी कमेटी की मीटिंग बुलाई गई। जिन अधिकारियों को संस्था की जिम्मेदारी दे रखी उनके पास संस्था के कर्मचारियों की समस्याओं को हल करने का समय ही नहीं है। वह केवल अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। दिनांक 08 सितंबर 2021 को निदेषक समाज कल्याण मैडम नवजोत कौर ने कर्मचारी यूनियन के साथ मीटिंग की। मांगों के प्रति अपनी पूर्ण तौर पर सहमती प्रकट करते हुए कर्मचारी यूनियन को आश्वासन दिया था कि 15 दिनों के अन्दर कर्मचारियों की मांगों को लागू करवा देंगे परन्तु 4 महीने पहले हुई मीटिंग का भी कोई परिणाम सामने नहीं आया। प्रमुख मांगे 01 अप्रेल 2016 से महंगाई भत्ते को बहाल करना, दिनांक 01.04.2017 से डीसी रेट को बहाल करना ग्रेच्युटी एक्ट 1972 को सब कर्मियों पर लागू करना, स्विच ओवर स्टाफ को नियुक्ति पत्र दे कर डी सी रेट को बहाल करना व बालसेविकाओं को 15.12.2011 का रिवाइज स्केल लागू करना आदि शामिल है।
अन्त में कर्मचारी यूनियन की प्रधान रेखा शर्मा धरने में शामिल हुए फेडरेशन की लीडरशिप व आईसीसीडब्लयू के कर्मचारियों का धन्यवाद किया व प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि प्रशासन ने कर्मचारियों की मांगों का हल जल्दी नहीं किया तो कर्मचारी लगातार निदेषक समाज कल्याण सेक्टर 17 के कार्यालय के सामने लगातार धरना देने पर मजबूर होंगे।