चंडीगढ़, 3 जनवरी। हरियाणा सरकार ने प्रदेश में लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में उत्कृष्टता एवं दक्षता को बढ़ावा देने और लॉजिस्टिक्स से संबंधित सभी हितधारकों को एक मंच पर लाने के लिए राज्य लॉजिस्टिक्स समन्वय समिति का गठन किया है। उद्योग एव वाणिज्य विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य सचिव इस राज्य लॉजिस्टिक्स समन्वय समिति के अध्यक्ष होंगे।
इसी प्रकार, राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव व वित्तायुक्त; बिजली विभाग, लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें) एवं वास्तुकला विभाग, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, वित्त एवं योजना विभाग, नागरिक उड्डयन विभाग, कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी, इलैक्ट्रॉनिक्स एवं संचार विभाग, नगर एवं ग्राम आयोजन तथा शहरी सम्पदा विभाग, शहरी स्थानीय निकाय विभाग, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग तथा परिवहन विभाग के प्रशासनिक सचिव इस समिति के सदस्य होंगे। हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केन्द्र (हरसक) के चेयरमैन, हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम के प्रबंध निदेशक, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के महानिदेशक/निदेशक और केन्द्र सरकार द्वारा नामित अधिकारी भी इस समिति के सदस्य होंगे जबकि उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक/निदेशक और सचिव इस समिति के सदस्य सचिव के रूप में कार्य करेंगे। इसके अलावा, आवश्यकता होने पर समिति किसी अन्य सदस्य को विशेष मंत्री के रूप में भी आमंत्रित कर सकती है। समिति की माह में एक बार बैठक होगी।
प्रवक्ता ने बताया कि राज्य लॉजिस्टिक्स समन्वय समिति प्रदेश में लॉजिस्टिक्स से संबंधित मामलों के लिए स्टेट फोकल प्वाइंट के रूप में कार्य करेगी और लॉजिस्टिक्स उद्योग के विकास पर बल देगी। समिति राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के अनुसार राज्य एवं सिटी लॉजिस्टिक्स के लिए मास्टर प्लान तैयार करेगी। इसके अतिरिक्त, समिति सिटी लॉजिस्टिक्स, वेयरहाऊसिज़ के लिए स्वीकृतियों के सरलीकरण, वेयरहाउस विकास की सुविधा, ट्रक आवागमन के दबाव को कम करने और ट्रक चालकों की कमी को दूर करने पर बल देते हुए लॉजिस्टिक्स दक्षता को सुधारने के उपायों पर विचार करेगी।
उन्होंने बताया कि समिति लॉजिस्टिक्स से संबंधित मामलों में डील करने वाले सभी विभागों की गतिविधियों की समीक्षा, समन्वय एवं निरीक्षण करेगी। राज्य में समेकित बाधा रहित, दक्ष, विश्वसनीय, सतत एवं कम लागत वाला लॉजिस्टिक्स तंत्र सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाएगी। इसके अतिरिक्त, समिति इस क्षेत्र की कमियों की पहचान करेगी और सरकार को नीतियां, कार्यक्रम एवं विधान आदि बनाने बारे परामर्श देगी।