चण्डीगढ़, 01 जनवरी। आईसीसीडब्ल्यू कर्मचारी यूनियन ने आईसीसीडब्ल्यू प्रशासन के नकारात्मक मुलाजम विरोधरी रवैये के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए गेट रैली की। कर्मचारियों को कर्मचारी यूनियन की वरिष्ठ उप प्रधान सुनीता शर्मा, उप प्रधान रेखा गौरा, लखविन्द्र कौर, संयुक्त सचिव वन्दना शेखावत व यूनियन के महासचिव बिहारी लाल आदि ने सम्बोधित करते हुए कहा कि कर्मचारी यूनियन पिछले पांच वर्षो से लम्बिंत पड़ी मांगों को लागू करवाने के लिए लगातार संघर्ष कर रही है। कर्मचारी यूनियन लगातार प्रशासन से मीटिंग भी कर रही है। परन्तु कर्मचारियों को झूठे आश्वासनों के सिवाय कुछ नहीं मिला। महंगाई पांच वर्षों से दोगुना हो चुकी है परन्तु कर्मचारियों के वेतन में एक रुपये की वृद्धि नही की गई। कर्मचारियों को बार बार कहा जाता है कि कार्यकारिणी कमेटी से मंजूरी ले कर कर्मचारियों की मांगों को लागू करवा देगें। आरोप लगाया कि पांच वर्षो से कार्यकारिणी कमेटी की मीटिंग नहीं बुलाकर आईसीसीडब्ल्यू ने संस्था के बने संविधान को नजरअंदाज करके पूर्ण तौर पर आईसीसीडब्ल्यू में जंगलराज कायम कर रखा है।
आईसीसीडब्ल्यू प्रशासन के अधिकारी अपने चहेतों को आउटसोर्स द्वारा रखकर मौजूदा डीसी रेट दे रहा है। दिनांक 08.09.2021 को निदेषक समाज कल्याण मैडम नवजोत कौर ने कर्मचारी यूनियन के साथ मीटिंग की। मांगों के प्रति अपनी पूर्ण तौर पर सहमति प्रकट करते हुए कर्मचारी यूनियन को आश्वासन दिया था कि 15 दिनों के अन्दर कर्मचारियों की मांगों को लागू करवा देंगे परन्तु लगभग 4 महीने का समय बीत चुका है अब तक कर्मचारियों की किसी मांग को हल नहीं किया जिससे कर्मचारियों में भारी रोष है। कर्मचारियों ने कर्मचारी यूनियन को पूर्ण तौर पर धरने में शामिल होने का आश्वासन दिया। प्रमुख मांगे – दिनांक 01.04.2016 से महंगाई भत्ते को बहाल करना, दिनांक 01.04.2017 से डीसी रेट को बहाल करना ग्रेच्युटी एक्ट 1972 को सब कर्मियों पर लागू करना, स्विच ओवर स्टाफ को नियुक्ति पत्र दे कर डीसी रेट को बहाल करना व बाल सेविकाओं को 15.12.2011 का रिवाइज स्केल लागू करना आदि शामिल है। यह जानकारी जारी एक विज्ञप्ति में संस्था के महासचिव बिहारी लाल ने दी।