चण्डीगढ़, 30 दिसंबर। आईसीसीडब्ल्यू कर्मचारी यूनियन ने 5 जनवरी 2022 से दोबारा संघर्ष करने का फैसाला किया है। कर्मचारी यूनियन की मीटिंग वीरवार को वरिष्ठ उप प्रधान सुनीता शर्मा की अध्यक्षता में की गई।
मीटिंग में आईसीसीडब्ल्यू प्रशासन के मुलाजम विरोधी नकारात्मक रवेये के खिलाफ जमकर आलोचना करते हुए कहा कि आईसीसीडब्ल्यू प्रशासन के अधिकारी बार बार कर्मचारियों को झूठ आश्वासन दे कर केवल अपना समय व्यतीत कर रहे है। पिछले पांच वर्षो से कर्मचारियों की मांगें लंम्बित पड़ी है। महंगाई लगातार बढ़ रही हे परन्तु कर्मचारियों के वेतन में पांच वर्षो से एक रूपये की भी वृद्धि नहीं हुई। 08 सितंबर 2021 को निदेषक समाज कल्याण मैडम नवजोत कौर ने कर्मचारी यूनियन के साथ मीटिंग की। मीटिंग में पूर्ण तौर पर मांगों के प्रति अपनी सहमती करते हुए कर्मचारी यूनियन को आश्वासन दिया कि 15 दिनों के अन्दर मांगों को लागू करवा देंगे। प्रमुख मांगे 01 अप्रेल 2016 से महंगाई भत्ते को बहाल करना, दिनांक 01.04.2017 से डीसी रेट को बहाल करना ग्रेच्युटी एक्ट 1972 को सब कर्मियों पर लागू करना, स्विच ओवर स्टाफ को नियुक्ति पत्र दे कर डीसी रेट को बहाल करना व बालसेविकाओं को 15.12.2011 का रिवाईज स्केल लागू करना आदि शामिल है। परन्तु बड़ी हैरानी की बात है कि मीटिंग हुई को आज तीन महीनों से ज्यादा समय हो गया। आज तक प्रषासन ने कर्मचारियों की एक भी मांग को हल नही किया।
कर्मचारी यूनियन आरोप लगाया कि आईसीसीडब्ल्यू प्रशासन ने दोहरी नीति अपनाकर अपने चहेतों को भर्ती कर मौजूदा डी सी रेट दिया जा रहा है व पुराने कर्मचारियों के लिए कहा जा रहा है कि कार्यकारिणी कमेटी की मंजूरी लेकर लागू करेंगे। आईसीसीडब्ल्यू प्रशासन ने संविधान को नजरअंदाज करके पिछले पांच वर्षो से कार्यकारिणी की कमेटी की मीटिंग भी नहीं की । इसलिए प्रशासन के तानाशाही रवैये व किए जा रहे भेदभाव के खिलाफ दिनांक 5 जनवरी को धरना कम रैली करने का फैसला किया है। यह जानकारी जारी एक विज्ञप्ति में संस्था के महासचिव बिहारी लाल ने दी।