गुरदासपुर, 15 नवंबर। पिछले करीब 15 साल से लगातार सेवाएं निभाने के बावजूद पंजाब सरकार द्वारा एनआरएचएम कर्मचारियों को रेगुलर नहीं किया जा रहा है। जिसके रोष स्वरुप पिछले 19 दिनों से यूनियन की ओर से मुख्यमंत्री के शहर में क्रमवार भूख हड़ताल की जा रही है। लेकिन इसका भी सरकार पर कोई असर न होने के चलते अब यूनियन ने मंगलवार से पूरे पंजाब में कामकाज पूरी तरह से ठप करने का निर्णय लिया है।
उक्त जानकारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. इंद्रजीत राणा ने जारी प्रेस बयान में दी। डा.राणा ने बताया कि उक्त मुलाजिम पिछले करीब 15 साल से विभाग में अपनी सेवाएं निभा रहे हैं और इनकी भर्ती पूरी पारदर्शी और भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से हुई है। कोरोना काल के दौरान एनआरएचएम कर्मचारियों द्वारा अपनी जान की परवाह किए बिना लगातार अपनी सेवाएं दी गई। कई कर्मचारियों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ा। इसके बावजूद पंजाब सरकार द्वारा कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने की बनाई गई पालिसी में इन कर्मचारियों को शामिल नहीं किया गया।जिसके चलते कर्मचारियों में भारी रोष की लहर पाई जा रही है। उन्होंने कहा कि उनकी मांग पर सरकार ध्यान नहीं दे रही।जिसके चलते अब उन्हें मजबूरन संघर्ष को तेज करते हुए पूरे पंजाब में काम ठप करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इस संबंधी यूनियन की ओर से सभी जिला अधिकारियों को मांग पत्र सौंपकर सूचित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि भले ही वह इस समय चल रही डेंगू की मार के चलते कामकाज ठप नहीं करना चाहते थे, लेकिन पिछले 19 दिन से भूख हड़ताल पर होने के बावजूद सरकार द्वारा उन्हें नजरअंदाज किए जाने से निराश होकर उन्हें अपने भविष्य को देखते हुए मजबूरी में यह कदम उठाना पड़ रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अब भी सरकार ने उनकी मांग पर ध्यान नही दिया तो संघर्ष को लगातार तीखा किया जाएगा।