करनाल, 10 नवंबर। अब सच्ची प्रतिभाओं को सम्मान मिलने लगा है। नए भारत की यह नई तस्वीर है। अब पद्म पुरस्कार सिर्फ वास्तविक हकदार लोगों को ही मिलते हैं जो धरातल पर अनूठा कार्य कर दिखाते हैं। यह बात हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष एवं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने रेडियो ग्रामोदय के लाइव कार्यक्रम में ग्रामीणों के साथ चर्चा के दौरान कही।
डॉ. चौहान ने कहा कि मीडिया की चकाचौंध से दूर रहकर असाधारण उपलब्धियां हासिल करने वाले इन साधारण से दिखने वाले लोगों को पहले न तो कोई पहचान मिलती थी न ही कोई सम्मान। पद्म पुरस्कार मिलना तो दूर की बात थी। केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद से देश की तस्वीर बदली है। अब गुमनामी के अंधेरों में छिपी महान प्रतिभाओं को ढूंढ-ढूंढ कर सम्मानित किया जाने लगा है। इस वर्ष दिए गए पद्म पुरस्कार इसी बात का प्रमाण हैं।
डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि पूर्व की सरकारों में पद्म पुरस्कारों का वितरण भी किसी एजेंडे का हिस्सा हुआ करता था। केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद हुए अनेक परिवर्तनों में यह भी एक है। उन्होंने कहा कि प्रतिभाओं को राजनीतिक एजेंडे से आंकना उचित नहीं है।
चर्चा के दौरान पत्रकार हरविंद्र यादव के सवाल का जवाब देते हुए डॉ. चौहान ने कहा कि सत्य के साथ खड़े रहने की प्रक्रिया में चुनौतियां आती ही हैं। यह चुनौतियां छोटी या बड़ी भी हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि चुनौती यदि गंभीर हो तब भी सत्य का साथ नहीं छोड़ना चाहिए। इसके लिए संघर्ष भी करना पड़े तो ऐसा करना जरूरी है। हरविंद्र यादव ने लाइव कार्यक्रम के दौरान बताया कि एक अस्पताल की अव्यवस्थाओं को दर्शाने के लिए किए गए एक स्टिंग ऑपरेशन से चिढ़ कर एक कर्मचारी ने उन्हें किस प्रकार फर्जी आरोपो में फंसा दिया। डॉ. चौहान ने उन्हें हौसला न हारने की सलाह देते हुए कहा कि सत्य परेशान भले हो जाए किंतु पराजित नहीं हो सकता। इसलिए उन्हें संघर्ष पथ पर डटे रहना चाहिए।