तीन दिवसीय 43 वां तीन दिवसीय वार्षिक चंडीगढ संगीत सम्मेलन 12 नवम्बर से

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चंडीगढ़ 5 नवम्बर 2021:  इंडियन नेशनल थियेटर द्वारा दुर्गा दास फाउंडेशन के सहयोग से तीन दिवसीय 43वां वार्षिक संगीत सम्मेलन 12 नवम्बर से 14 नवम्बर तक सेक्टर 26 स्थित स्ट्रोबरी फील्डस हाई स्कूल के सभागार में आयोजित किया जायेगा।
इस संबंध में जानकारी देते हुए इंडियन नेशनल थियेटर की सैक्रेटरी विनीता गुप्ता ने बताया कि पहले दिन 12 नवम्बर को सायं 6:00 बजे धनंजये हेगड़े अपने गायन की प्रस्तुति देंगे, जिनके पश्चात पं हरविंदर शर्मा अपनी प्रस्तुति सितार से देंगे। वहीं 13 नवम्बर को सायं 6:00 बजे शाश्वति मंडल तथा शशांक मक्तेदार की गायन प्रस्तुति जबकि सम्मेलन के अंतिम दिन 14 नवम्बर को प्रात: 11 बजे अश्विनी भीडे देशपांडे गायन प्रस्तुत करेंगीं।
विनीता गुप्ता ने पहले दिन 12 नवम्बर को धनंजये हेगड़े अपने गायन की प्रस्तुति देंगे। धनंजये हेगड़े एक युवा और प्रतिभाशाली हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक जिनका जन्म एक संगीत परिवार में हुआ । धनंजय के संगीत का एक दिलचस्प पहलू किराना और ग्वालियर घराने का मिश्रण है, जिसे उन्होंने अपने गुरु विनायक तोरवी से ग्रहण किया है। धनंजय एक ईमानदार संगीतकार बनने और बीते जमाने के उस्तादों के नक्शेकदम पर चलने की इच्छा रखते हैं।
उन्होंने बताया कि इसी दिन (12 नवम्बर) पं. डॉ हरविंदर शर्मा सितार के माध्यम से श्रोताओं को अपनी प्रस्तुति देंगे। डॉ. हरविंदर कुमार शर्मा, गहन प्रतिभा, प्रचुर धारणा, रोमांचक संभावनाओं वाले व्यक्ति असाधारण रूप से प्रतिभाशाली सितारवादक हैं। उन्होंने पांच साल की छोटी उम्र में सितार में गहरी दिलचस्पी दिखाई और नौ साल की उम्र में अपना पहला सार्वजनिक प्रदर्शन दिया। हरविंदर की सितार पर ख्याल अंग के माध्यम से राग को विस्तृत करने की विशिष्ट शैली है, जो इमदादखानी घराने का वास्तविक सार है। उन्हें प्रतिष्ठित संगठनों और हरियाणा राज्य सरकार द्वारा असंख्य पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया है।
उन्होंने बताया कि दूसरे दिन 13 नवम्बर को शाश्वति मंडल अपने गायन की प्रस्तुति देंगी। ग्वालियर घराने की जानीमानी गायिका शाश्वती ने बहुत कम उम्र में अपनी मां कमल मंडल के मार्गदर्शन में अपना प्रारंभिक शास्त्रीय प्रशिक्षण शुरू कर दिया ।  ग्वालियर घराने के वयोवृद्ध गायक पं बालासाहेब उन्हें ग्वालियर गायकी कi बारीकियों के बारे में बताया, और उन्हें दुर्लभ सुनी जाने वाली शैली -टप्पा गायन की कला में भी प्रशिक्षित किया। शाश्वती ने इन उदार संगीत झुकावों को अपनी गायकी (संगीत शैली) में एकीकृत किया है। उन्हें उनकी पूर्ण-गुंजयमान आवाज, और तान तथा मुर्की की स्पष्टता के लिए प्रशंसा मिली है। उन्हें व्यापक रूप से टप्पा गायन के अग्रणी प्रतिपादकों में से एक माना जाता है।
उन्होंने आगे बताया कि इसी दिन शशांक मक्तेदार अपना गायन प्रस्तुत करेंगे। शशांक मक्तेदार अपनी पीढ़ी के प्रमुख गायकों में से एक हैं। वह ग्वालियर, जयपुर और आगरा घराने की बहुत समृद्ध परंपराओं से संबंधित हैं। उन्हें 1991 से 2000 तक आईटीसी संगीत अनुसंधान अकादमी कोलकाता में पारंपरिक गुरु-शिष्य परंपरा से नौ साल तक पंडित उल्हास काशालकर से तालीम प्राप्त करने का सौभाग्य मिला। शशांक के गायन में सौंदर्यवादी दृष्टिकोण के साथ विभिन्न प्रकार के संगीत अलंकरण हैं। शशांक कई पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता हैं, जिनमें भारत रत्न पंडित भीमसेन जोशी के साथ प्रतिष्ठित आदित्य विक्रम बिrला कलाकिरण पुरस्कार शामिल हैं।  शशांक ने कई अन्य देशों जैसे यूएसए, यूके, फ्रांस, स्विटजरलैंड और दुबई में अपने गायन की प्रस्तुति दी है। 
सम्मेलन के अंतिम दिन 14 नवम्बर को प्रात: 11 बजे विदूषी अश्विनी भिंड़े देशपांडे गायन प्रस्तुत करेंगीं। विदुषी अश्विनी भिड़े-देशपांडे मुंबई निवासी  हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की सुप्रसिद्व गायिका हैं। वह जयपुर-अतरौली घराने की परंपरा से ताल्लुक रखती हैं। मजबूत संगीत परंपराओं वाले परिवार  में जन्मी, अश्विनी ने नारायणराव दातार के मार्गदर्शन में अपना प्रारंभिक शास्त्रीय प्रशिक्षण शुरू किया। जयपुर-अतरौली, मेवाती और पटियाला घरानों से प्रभावित होने के कारण अश्विनी ने अपनी संगीत शैली बनाई है। वह तीन प्राथमिक सप्तकों पर एक मजबूत कमान रखती है। भिड़े-देशपांडे को बंदिश और बंदिश-रचना की गहरी समझ है और उन्होंने अपनी कई बंदिशें बनाई हैं, जिन्हें उन्होंने अपनी विभिन्न पुस्तकों में प्रकाशित किया है। वह अपने भजनों की स्थापना के लिए भी जानी जाती हैं, विशेष रूप से कबीर के। अश्विनी भिड़े न केवल एक  उच्चकोटि की कलाकार हैं तथा एक सकुशल संगीत गुरु भी हैं। 
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान कलाकारों के साथ तबले पर विनोद लेले और जयदेव तथा हारमोनियम पर विनय मिश्रा व परोमिता मुखर्जी संगत करेंगे।
विनीता गुप्ता ने बताया कि यह सम्मेलन सभी संगीत प्रेमियों के लिये आयोजित किया जा रहा है जिसमें नि:शुल्क प्रवेश रहेगा। इतना ही नही संगीत प्रेमी कलाकारों के गायन को सुनने के लिए लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी जिसका लिंक  वेबसाइट www.indiannationalthreater.com से मिल सकता है।

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