कपूरथला, 1 नवंबर। बेटियां सिर का ताज होती है और ये बात सच साबित कर दी है गुरजीत कौर ने ऐसा तब हुआ जब इटली के राष्ट्रपति सर्जियो मेट्टारोला ने ‘पंजाबन’ गुरजीत कौर को 13 वर्षो से लगतार टॉप करने की उपलब्धि के लिए सम्मानित किया। इटली के रोम स्थित राष्ट्रपति हाउस मे आयोजित सम्मान समारोह दौरान सम्मानित किये गए 25 टॉपर विद्यार्थियों में कपूरथला जिले के गांव सुन्नड़वाल की मूल निवासी गुरजीत कौर एकमात्र पंजाबी छात्रा थी।
इटली के राष्ट्रपति द्वारा शैक्षणिक स्तर का उच्चतम सम्मान हासिल करके गुरजीत कौर गदगद हैं, वहीं कपूरथला के साथ साथ गांव सुन्नड़वाल में उसके वयोवृद्ध दादा-दादी और गांव वासी मान महसूस कर रहे है। पंचायत ने गांव की बेटी गुरजीत कौर का सम्मान करने का फैसला किया है।
प्राप्त जानकारी अनुसार पहली बार इटली के इतिहास में ऐसा हुआ है जब किसी भारतीय छात्रा को किसी शिक्षा क्षेत्र में राष्ट्रपति की ओर से पुरस्कृत किया गया है। गुरजीत कौर ने अपनी प्रारंभित पढ़ाई मुकम्मल करने के बाद इटली के रोम में कतोलीको यूनिवर्सिटी में मेडिकल की शिक्षा ग्रहण कर रही हैं।
गुरजीत कौर के सम्मान समारोह के बाद कपूरथला के गांव सुन्नड़वाल में खुशी का आलम है। अपनी पोती की उपलब्धि पर दादा संतोख सिंह व दादी जीत कौर मान महसूस कर रही हैं। गुरजीत कौर की दादी जीत कौर ने भावुकता वश कहा कि जब मेरे घर पोतियों ने जन्म लिया था तो मुझे फिक्र रहता थी कि मेरे बेटों के कोई बेटा नहीं हैं, लेकिन इस बेटी ने तो बेटों से बढ़ा कर दिखाया है।
गुरजीत कौर ने इटली से फोन पर बातचीत दौरान बताया कि वह पंजाब की सेहत सहूलतें को लेकर फिक्रमंद रहती है और वह अब मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं। वह कहती हैं कि डॉक्टर बनना उसका सपना है और कैंसर का डॉक्टर बनकर ही वह गांव सुन्नड़वाल आएगी। और लोगों की सेवा करेगी।