कपूरथला, 31 अक्टूबर। गुरुवार, 4 नवंबर को दीपावली है। इस दिन श्रीराम ने रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे, उनके स्वागत में लोगों ने दीप जलाए थे। इसी तिथि पर समुद्र मंथन से देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। ये पर्व अंधकार को खत्म करके प्रकाश फैलाने का संदेश देता है। जिन लोगों के जीवन में गरीबी की वजह से अंधकार है, ऐसे लोगों की मदद करके उनके जीवन में भी खुशियां लाने के प्रयास करना चाहिए।
शिव सेना हिन्द यूथ विंग के राष्ट्रीय उपप्रधान दीपक छाबड़ा ने कहा कि दिवाली के त्योहार का सबको इंतजार रहता है। यह ऐसा त्योहार है, जब लोग घरों को रोशन करते हैं और पटाखे भी फोड़ते हैं। कई तरह के पटाखे बाजार में उपलब्ध होते हैं।पटाखे काफी महंगे होते हैं और इन्हें खरीदने के लिए जेब ढीली भी करनी पड़ती है। पटाखे चलाने से वायु व ध्वनि प्रदूषण होता है, जो पर्यावरण व मनुष्य के लिए हानिकारक है। इसलिए सभी लोगों को इस बार कुछ नया करना चाहिए। पटाखों से दूरी बनाएंगे तो पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। प्रदूषण पर्यावरण में फैलेगा तो इसका असर मनुष्य पर पड़ेगा।दीपक छाबड़ा ने लोगों से अपील है कि वे इस बार पटाखे न फोड़ें और ईको फ्रेंडली दिवाली मनाएं।सभी लोगों को संकल्प लेना चाहिए कि दिवाली पर प्रदूषण नहीं फैलाएंगे। दिवाली पर सावधानी के साथ अपनी व दूसरों की सुरक्षा के बारे में भी सोचना चाहिए। खुशी के इस त्योहार पर घर में मिट्टी से बने दीये जलाएं और परिवार के साथ पूजा-अर्चना करें। रंगोली बनाने के लिए जैविक रंगों का प्रयोग करें। युवा पीढ़ी को चाहिए कि वह परिवार के साथ दिवाली को बेहतर ढंग से मनाए। पटाखों पर खर्च करने वाले पैसे से किसी गरीब परिवार की मदद कर सकते हैं ताकि यह परिवार भी खुशी से दिवाली मना सके। मिट्टी से बने दीयों की खरीदारी करें। ऐसा करने से आप उन लोगों की मदद कर सकते हैं, जिनकी दिवाली आपके द्वारा उनकी ओर से बनाए गए दीयों को खरीदने से मनेगी।