चंडीगढ़, 30 अक्तूबर। यूटी एसएस फैड़रेषन तथा फैड़रेषन ऑफ यसूटी इम्पलाईज एण्ड वर्कर चंडीगढ़ ने अपनी मांगों की प्राप्ती के लिए सघर्ष कर रहे एनएचएम कर्मचारियों को गैरकानूनी तौर पर तथा तानाशाही रवैया अपनाकर बर्खास्त करने के लिए चण्डीगढ़ प्रषासन विषेश तौर पर स्वास्थ्य सचिव की कड़ी निन्दा करते हुए इसे कर्मचारी वर्ग पर अमानवीय हमला करार दिया।
प्रैस को जारी संयुक्त ब्यान में एसएस फैड़रेषन के प्रधान रंजीत सिंह हंस, महासचिव राजेन्द्र कुमार, वरिष्ठ उप प्रधान रनवीर राणा तथा सीटीयू वर्कर के प्रधान धर्मेन्द्र सिंह राही एवं फैड़रेषन ऑफ यूटी इम्पलाईज एण्ड वर्करज चण्डीगढ़ के प्रधान रघवीर चन्द महासचिव गोपाल दत्त जोशी वरिष्ठ उप प्रधान राजेन्द्र कटोच व यूटी पावरमैन यूनियन के प्रधान ध्यान सिंह ने अपनी मांगों के लिए लोकतांत्रिक तरीके से संघर्ष कर रहे एनएचएम कर्मचारियों को बर्खास्त करने के हिटलर शाही फरमान को कर्मचारियों का दमन व प्रताडित करने वाला कदम बताते हुए चण्डीगढ़ प्रशासन को कड़ी चेतावनी देते हुए आरोप लगाया कि प्रशासन कर्मचारियों के साथ पूर्व में किये गये फैसले लागू करने की बाजाय 10-15 सालों से विभाग के अधीन काम कर रहे कर्मचारियों पर डीसी रेट देने की आड़ में आउटसोर्स की शर्ते थोपकर भड़काहट वाली कार्यवाही कर रहा है तथा दमन चक्र चला रहा है लेकिन विरोध करने पर बर्खास्तगी जैसे कठोर कदम उठाकर कर्मचारियों व उनके परिवारों पर कुठाराघात कर रहा है तथा कर्मचारी वर्ग के अधिकारों का सीधा हनन कर रहा है।
चण्डीगढ़ की दोनों प्रमुख फैड़रेषनों के प्रतिनिधियों ने प्रशासन से बिना देरी बर्खास्ती रद्द करने को कहा है। उन्होंने प्रशासक महोदय तथा प्रशासक के सलाहकार को इस मामले में शीघ्र दखल देने की अपील की तथा चेतावनी दी कि अगर कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान कर बर्खस्तगी के आदेश रद्द नहीं किये तो दोनो फैड़रेषने इस संघर्ष में सीधे तौर पर शामिल होकर विशाल संघर्ष को मजबूर होगी जिसकी सीधी जिम्मेवारी स्वास्थ्य सचिव की होगी।