चंडीगढ़, 30 अक्टूबर। पंजाब की मार्किट में बायो डीजल के नाम पर मोबाइल वैन के माध्यम से अवैध रुप से बेचे जा रहे बेस ऑयल/केमिकल ऑयल/इंडस्ट्रियल ग्रेड उत्पाद पर पंजाब पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन (पीपीडीए) ने प्रदेश सरकार को चेताया है कि इससे न केवल उन्हें वित्तीय खमियाजा भुगतना पड़ रहा है बल्कि सरकारी राजस्व को भी करोड़ो का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
शनिवार को चंडीगढ़ में आयोजित एसोसिएशन की एग्जीक्यूटिव बैठक में प्रदेश भर से जुटे पेट्रोल पम्प मालिकों ने इस मुद्दे में चर्चा करते हुये सरकार को इससे निपटने के सुझाव दिये। ऐसोसियेशन के अध्यक्ष संदीप सहगल ने बताया कि हालही में संबंधित अथर्टीयो ने प्रदेश में अवैध रुप से लिप्त बिना लाईसेंस वाले बायो डीजल वितरण पर छापे मारे हैं। डीजल से भी कम दाम में उपलब्धता के चलते अधिकतर वाहन बायो डीजल पर शिफ्ट हो चुके हैं।
कुछ समय से ऑयल मार्केटिंग कंपनीज (ओएमसी) ने हाई स्पीड डीजल (एचपीडी) की ब्रिकी में कटौती दर्ज की है। सरकार के भारी निवेश के बाद भी मोटर स्पीड (एमएस) और हाई स्पीड डीजल (एचपीडी) वाहन भी बीएस सिक्स श्रेणी में शिफ्ट कर गये हैं। सरकार की अनदेखी के चलते मार्केट की डिमांड पूरी करने के लिये लो ग्रेड ऑयल बाजार में अवैध रूप से बिक रहे हैं जिस पर अंकुश लगाने की जरूरत है नहीं तो सरकारी राजस्व का घाटा जारी रहेगा।
सहगल ने बताया कि गत कुछ समय से ईंधन को
घर द्वार पर पहुंचाने की सेवा शुरु कर दी गई थी। ओएमसी के अनुसार यह सेवा उन भारी भरकम मशीनों या गाड़ियों के लिये मान्य है जो पेट्रोल पंप तक नहीं पहुंच सकती है इसलिये यह सेवा शुरु की गई थी। परन्तु देखा जा रहा है कि सरकारी और ओएमसी आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है और इनकी पहुंच मोटरेबल, पैसेंजर और एग्रीकल्चर गाड़ियों तक की जा रही है जिसका सीधा नुकसान पेट्रोल पम्प मालिको को नुकसान हो रहा है।
एसोसिएशन ने सरकार को सुझाव देते हुये यह मांग की है जो गैर लाईसेंसधारी व्यक्ति, संस्थान अवैध रुप से मोबाईल वैन से डीजल की खरीद करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाये।
पंजाब में वैट दरों पर भी जताई आपत्ति
एसोसिएशन ने चंडीगढ़ के मुकाबले पंजाब में अधिक वैट के दर पर चिंतन व्यक्त किया। एसोसिएशन के महासचिव राजेश कुमार ने कहा कि चंडीगढ़ व अन्य प्रदेशों से सटे पंजाब के लगभग एक हजार पेट्रोल पम्प सेल दर्ज नहीं होने के चलते बंद होने की कगार पर है। राजेश कुमार ने बताया कि पंजाब में राष्ट्रीय औसत की दर के मुकाबले पेट्रोल पम्पों को विस्तार काफी अधिक है इसलिये नये पम्पों की एनओसी जारी करने पर अंकुश लगाया जाये। एसोसिएशन ने यह भी मांग की कि वर्ष 2017 से लंबित कमीशन पर कोई बढ़ोतरी नहीं की गई जिसे ओएमसी जल्द बढ़ाये। एसोसिएशन सदस्यों का तर्क था कि उनके निवेश कई गुणा बढ़ गये है और डीलर उसी कमीशन पर गुजरा नहीं कर सकते हैं।