चंडीगढ़, 21 अक्तूबर। लोगों से डेंगू कंट्रोल करने संबंधी यत्नों में शामिल होने का आह्वान करते हुए उप मुख्यमंत्री पंजाब ओ.पी. सोनी, जिनके पास स्वास्थ्य विभाग भी है, ने लोगों को राज्य में लगातार हर रविवार को ‘ड्राई-डे’ मनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि डेंगू की वृद्धि को रोकने के लिए यह अनिवार्य है कि लोग हफ्ते में कम से कम एक बार पानी के सभी डिब्बों को साफ़ करें और लारवे के प्रजनन चक्र को तोड़ें।
राज्य के सभी सिविल सर्जनों और महामारी विज्ञानियों के साथ एक वर्चुअल मीटिंग दौरान डेंगू के फैलाव की स्थिति और किये गए नियंत्रण उपायों की समीक्षा करते हुए सोनी ने बताया कि 12,80,645 घरों में डेंगू संबंधी जांच की गई है और 21,683 घरों में मच्छरों की पैदावार संबंधी रिपोर्ट सामने आई है। उन्होंने आगे कहा कि इसलिए, यह अनिवार्य है कि लोग अपने घरों में पानी के जमा होने संबंधी सचेत रहें। अधिक से अधिक लोगों को ड्राई-डे मनाने में शामिल करने के लिए ड्राई-डे शुक्रवार की जगह रविवार को मनाना ज़रूरी है क्योंकि कामकाजी लोगों के लिए हफ्ते के अंत में सफ़ाई /डिब्बे खाली करने के लिए समय निकालना आसान होता है। इसके साथ ही यह निर्देश दिए गए हैं कि अब शुक्रवार की बजाय रविवार को ड्राई-डे मनाया जायेगा। उन्होंने आगे कहा कि इससे लारवा प्रजनन निरीक्षण टीमों को अधिक से अधिक घरों तक पहुँच बनाने में सहायता मिलेगी क्योंकि हफ्ते के किसी अन्य दिन के मुकाबले रविवार को लारवा प्रजनन जांच के लिए और ज्यादा लोग घर पर मौजूद होंगे।
डेंगू के बढ़ रहे मामलों के मद्देनज़र उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने डेंगू कंट्रोल संबंधी उपाय तेज कर दिए हैं। लारवा प्रजनन जांच में तेज़ी लाई गई है; प्रजनन जांचकर्ताओं की क्षमता लगभग दो गुणा बढ़ादी गई है। उन्होंने आगे बताया कि मौजूदा 480 प्रजनन जांचकर्ताओं के सहयोग के लिए 220 नये प्रजनन जांचकर्ताओं को शामिल किया गया है। सोनी ने कहा कि हर जिले में अतिरिक्त प्रजनन जांचकर्ताओं को डेंगू के फैलाव और जिले के भौगोलिक क्षेत्र के अनुपात अनुसार तैनात किया गया है। लारवीसाईड और कीटनाशकों के वितरण को भी तेज किया गया है और राज्यभर में जागरूकता गतिविधियों को बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा, नगर निगम /समितियों और ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारी निरीक्षण टीमों को सहयोग दे रहे हैं और फॉगिंग और छिड़काव में सहायता कर रहे हैं। डेंगू के हॉटस्पॉट और संभावित उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान कर ली गई है और इनके कंट्रोल के लिए ज़रुरी प्रयास जारी हैं।
जांच और इलाज के यत्नों को भी मज़बूत किया गया है। डेंगू डायग्नॉस्टिक किटों की अपेक्षित सप्लाई उपलब्ध करवाई जा रही है। लगभग 28,000 टैस्ट किये गए हैं जिसके परिणामस्वरूप डॉक्टरी दख़ल के साथ तकरीबन दस हज़ार डेंगू पॉजिटिव मामलों का पता लगाया गया है। उन्होंने बताया कि ज़रुरी अस्पतालों में पूरी तरह लैस डैडीकेटिड डेंगू वार्ड स्थापित किये गए हैं।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले हफ्ते के मुकाबले इस हफ्ते कुछ जिलों में डेंगू के मामलों की संख्या कुछ घटी हुई पाई गई है जोकि अच्छा संकेत है परन्तु हम तब तक निरंतर यत्न जारी रखेंगे जब तक पूरे राज्य में डेंगू को सफलतापूर्वक रोक नहीं लेते।
उप मुख्यमंत्री ने सिविल सर्जनों को निर्देश दिए कि वह इंडियन मैडीकल एसोसिएशन (आईएमए) के स्थानीय सदस्यों और स्थानीय टीवी / रेडियो चैनलों को जानकारी दें और जागरूकता फैलाने में शामिल करें और ब्रीडिंग चैकिंग, छिड़काव और फॉगिंग, निरंतर जारी रखें। उन्होंने सभी सिविल सर्जनों को स्पष्ट किया कि क्राइसिस मैनेजमेंट मोड में सक्रियता के साथ काम करो नहीं तो तबादले के लिए तैयार रहो।
इस अवसर पर स्वास्थ्य सचिव विकास गर्ग और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के डायरैक्टर डॉ. अन्देश कंग भी उपस्थित थे।