चंडीगढ़/फ़तेहगढ़ साहिब, 16 अक्टूबर। लोक निर्माण एवं प्रशासनिक सुधार मंत्री, पंजाब विजय इंदर सिंगला ने बाबा बन्दा सिंह बहादुर जी के जन्मदिवस के अवसर पर ज्योति सरूप मोड़ में स्थापित किया, बाबा बंदा बहादुर का 12 फीट ऊंची कांस्य की प्रतिमा संगत को अर्पित की। इस मौके पर उन्होंने ऐलान किया कि इस जगह को भी आज के बाद बाबा बन्दा सिंह बहादुर चौक के नाम से जाना जाएगा। इस मौके पर उन्होंने जहाँ मुख्यमंत्री स. चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा बाबा बन्दा सिंह बहादुर के जन्मदिन की बधाई दी, वहीं सरहिन्द पी.डब्ल्यू.डी. रैस्ट हाउस के लिए 15 लाख रुपए देने का ऐलान भी किया।
समागम को संबोधन करते हुए सिंगला ने कहा कि गुरू साहिब की कृपा स्वरूप वह लोगों की सेवा कर सक रहे हैं। गुरु साहिब के रास्ते पर चलना आसान नहीं है, गुरु साहिब की कृपा स्वरूप पूरी मजबूती से ही गुरु साहिब के रास्ते पर चला जा सकता है।
उन्होंने कहा कि महान सिख जरनैल बाबा बन्दा सिंह बहादुर का जन्म वर्ष 1670 में जम्मू के राजौरी क्षेत्र में हुआ। सिख धर्म के महान जरनैल बाबा बन्दा सिंह बहादुर ने सरहिन्द को फ़तेह करके मुल्क में से जुल्म के राज के अंत का आधार बाँध दिया और बाबा बन्दा सिंह बहादुर ने कभी भी सत्य का मार्ग नहीं छोड़ा। श्री गुरु गोबिन्द सिंह महाराज ने उनको सिंह सजाकर उनका नाम बन्दा सिंह रखा और जुल्म के राज का अंत करने के लिए पंजाब भेजा। बाबा बन्दा सिंह और उनके साथियों द्वारा अपने धर्म पर अडिग रहने के कारण उनको अनेकों कष्ट दिए गए और दिल्ली में शहीद कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि हलका फ़तेहगढ़ साहिब के लोग भाग्यशाली हैं, जिनको विधायक कुलजीत सिंह नागरा जैसे नेता मिले हैं। विधायक नागरा ने हलके के विकास के लिए दिन-रात एक कर काम किया है और अब जिम्मेदारी लोगों की है, जिन्होंने स. नागरा को और मजबूत करना है। उन्होंने वादा किया कि फ़तेहगढ़ साहिब और संगरूर अव्वल हलके बनेंगे।
सिंगला ने बताया कि वह बीते दिन लखीमपुर खीरी गए थे और वहाँ घटी घटना के इंसाफ़ के लिए संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि खालसा राज स्थापित करने के बाद बाबा बन्दा सिंह बहादुर ने पहला कार्य जागीरदारी प्रबंध खत्म कर किसानों को जमीन के मालिकाना हक दिए और आज केंद्र की मोदी सरकार जमीन छीनने की फिराक में है। आज बाबा बन्दा सिंह बहादुर की सोच पर पहरा देने की ज़रूरत है। जो कार्य बाबा बन्दा सिंह बहादुर ने शुरू किया, इसको केंद्र सरकार कैसे रोक देगी। उन्होंने कहा कि किसान संघर्ष में पंजाब सरकार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और खड़ी रहेगी।
उन्होंने बताया कि जब वह और उनके साथी यू.पी. में पीड़ितों के लिए इंसाफ़ लेने गए तो उनको सहारनपुर थाने रोक दिया गया, परन्तु सुकून था कि वह अच्छे काम के लिए थाने पहुँचे थे। पीड़ित परिवारों की मांग थी कि उनको मुआवजा नहीं चाहिए, इंसाफ चाहिए। इस माँग के लिए भूख हड़ताल भी की और माँग की कि आशीष मिश्रा को गिरफ़्तार किया जाए।
पत्रकारों द्वारा बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र पंजाब में बढ़ाए जाने संबंधी पूछे गए सवाल के जवाब में सिंगला ने कहा कि भारत सरकार राज्य के अधिकार क्षेत्र में दख़ल दे रही है। केंद्र सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए। पंजाब पुलिस अच्छी तरह से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर सभी पार्टियां इस मसले पर इक्टठी होती हैं तो पंजाब सरकार उस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेगी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा पटियाला से सरहिन्द तक नया हाईवे बनाने का विचार भी चल रहा है।
इससे पहले फ़तेहगढ़ साहिब पहुंचने पर जि़ला प्रशासनिक कॉम्प्लेक्स में सिंगला को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।
समागम को संबोधित करते हुए हलका विधायक कुलजीत सिंह नागरा ने कहा कि सिख इतिहास के महान जरनैल बाबा बन्दा सिंह बहादुर, जिन्होंने गुरू गोबिन्द सिंह जी से आशीर्वाद लिया और कूच किया, नांदेड़ की धरती से बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह, और माता गुजरी जी को शहीद करने वालों को सुधारने के लिए पंजाब पहुँचे। उस ज़ालिम का खात्मा करने के लिए बाबा बन्दा सिंह बहादुर ने ईंट से ईंट बजा दी।
उन्होंने कहा कि जो सेवा फ़तेहगढ़ साहिब की उनको मिली है, वह स्वयं को खुशकिस्मत समझते हैं। वह गुरू साहिब और संगत का कभी कजऱ् नहीं वापस कर सकते। जितने फंड फ़तेहगढ़ साहिब को मिले शायद ही किसी अन्य हलके को मिले हों। गुरु साहिब ने कृपा कर बल प्रदान किया है, जिसके स्वरूप उन्होंने ईमानदारी का रास्ता नहीं छोड़ा।
उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी ईमानदारी से काम कर रहे हैं, जिसके स्वरूप वह ईमानदारी का दावा कर सक रहे हैं। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में गाँवों के काम पूरे हो चुके हैं। बड़ी संख्या में गाँवों ने यह लिख दिया है कि उनके गाँवों में एक भी गली नाली बकाया नहीं है। इन सरपंचों ने ढाई सालों में 70 साल जितना काम किया है। उन्होंने कहा कि फ़तेहगढ़ साहिब जल्द ही भारत का पहला हलका बनेगा जहाँ लोग आत्मनिर्भर होंगे और सरकारों की ओर नहीं देखेंगे। छप्पड़ों की कायाकल्प की गई है और साफ़ पानी खेतों को पहुँचाया जा रहा है और सोलर मोटरें लगी हैं और बिल भी नहीं देने पड़ रहे। रिश्वत लेने वालों पर बहुत अधिक सीमा तक नकेल कसी जा चुकी है।
सिंगला का धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिबान की सडक़ों को चार मार्गी करने का प्रोजैक्ट के लिए 21 करोड़ रुपए दिए। हलके की सभी सडक़ों की कायाकल्प की गई है और बड़ी संख्या में सडक़ें नई बनी हैं। 25-25 साल बाद सडक़ें बनाई गईं हैं। करीब 400 करोड़ रुपए सडक़ों पर खर्च किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि इस स्मारक वाली जगह पर इतिहास लिखा जाएगा, जिसको बच्चे देखेंगे कि कैसे बाबा बन्दा सिंह बहादुर ने पहला सिख राज स्थापित किया और किसानों को ज़मीनों के मालिक बनाया।
विधायक नागरा ने कहा कि वह सदा ही सकारात्मक आलोचना का स्वागत करते हैं। गलती बताने वाले मनुष्य सदा मानव को सही रास्ता बताते हैं। उन्होंने कहा कि वह कभी भी ईमानदारी का रास्ता नहीं छोडेंगे, इस सम्बन्धी उनको किसी भी पद की कोई परवाह नहीं है।
हलका बस्सी पठाना के विधायक गुरप्रीत सिंह जी ने बाबा बन्दा सिंह बहादुर के जन्मदिन की बधाईयाँ दीं। उन्होंने बताया कि पिछले कई दशकों में इतना विकास नहीं हुआ जितना विधायक नागरा ने 4.5 साल में किया है। उन्होंने कहा कि श्री सिंगला ने कभी भी बस्सी पठाना के लिए फंड देने से पीछे नहीं हटे। हलका बस्सी पठाना में बेमिसाल विकास हुआ है। हर गाँव में कम से कम 50-50 लाख रुपए लगे हैं। लांडरां चौक की मुश्किल श्री सिंगला ने हल करवाई, जिसके लिए 27 करोड़ खर्च किए गए।
इस मौके पर पंजाब सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन गेजा राम, जि़ला कांग्रेस के प्रधान और डायरेक्टर पीआरटीसी सुभाष सूद, ब्लॉक कांग्रेस के प्रधान सरपंच गुरमुख सिंह पंडराली ने भी संबोधन किया। इस मौके पर विधायक नागरा की धर्मपत्नी मनदीप कौर नागरा, डिप्टी कमिश्नर सुरभी मलिक, समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी, जि़ला परिषद और ब्लॉक समितियों के चेयरमैन, अधिकारी, मेंबर, मार्केट कमेटियों के अधिकारी और मेंबर, नगर काउंसिल के अधिकारी, काउंसलर, गाँवों के पंच सरपंच और बड़ी संख्या में शहर निवासी उपस्थित थे।