चंडीगढ़, 18 सितंबर। यूनाइटेड फ्रंट ऑफ मास ऑर्गेनाइजेशनस के कोर ग्रुप की मीटिंग फ्रंट के प्रधान श्याम लाल घावरी की अध्यक्षता में सेक्टर 17 में हुई। जिसमे 21 सितंबर को गवर्नर हाउस के आगे मुंह पर सफेद पट्टी बांधकर मौन प्रदर्शन करने की तैयारियों का जायजा लिया गया तथा जह निश्चित किया गया के फ्रंट की सारी लीडरशिप इस प्रदर्शन में शामिल होगी।
मौन प्रदर्शन पर बोलते हुए फ्रंट के प्रधान श्याम लाल घावरी, महासचिव राकेश कुमार, चेयरमैन सतिंदर सिंह ने कहा कि चंडीगढ़ के मजदूर मुलाजिमों की मांगों को हल करने के लिए यूटी कर्मचारियों ने 6 सितंबर को नगर निगम के दफ्तर के आगे गवर्नर हाउस का घेराव करने के लिए विशाल रैली की थी लेकिन एसडीएम सेंट्रल तेजदीप सिंह सैनी ने धरना प्रदर्शन कर रहे। कर्मचारियों से धरने में पहुँच कर मांग पतर लेकर मांगों को हल कराने का भरोसा दिया था लेकिन अभी तक यूटी प्रशासन के किसी भी अधिकारी ने कर्मचारियों के साथ बात नहीं की।
एक तरफ मांगो का हल नहीं किया जा रहा है और दूसरी तरफ प्रशासन बात करने को भी तैयार नहीं हैं, जिस से मुलाजिमों के पास संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता। कर्मचारियों की मांग है कि चंडीगढ़ में आउट सोर्स्ड वर्करों का जेम पोर्टल के ठेकेदार लगातार आर्थिक शोषण कर रहे हैं और प्रशासन इस पर अपनी आंखें बंद कर बैठा है, कर्मचारियों के साथ प्रमोशन की पोस्टें अबोलिश करके धक्का किया जा रहा है, सीटीयू की 417 बसों के फ्लीट को पूरा नहीं किया जा रहा है और 41 HVAC बसों के हुए टैंडर को पास नहीं किया जा रहा है. 31.12.96 के बाद भरती किए गए डेली वेज वर्करों को 13.3.15 की पॉलिसी के पूरे लाभ नहीं दिए जा रहे, स्वीरमैनो, फायरमैनों तथा बिजली वर्करों का बीमा नहीं किया जा रहा। आउटसोर्स कर्मचारियों की कोविड 19 के समय की कहीं एक और कहीं दो महीनों की सैलरी अभी भी नही दी जा रही है. तेल साबुन और वर्दी के जैसी मांगों पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिन के लिए कर्मचारी प्रशासन को बार बार लिख रहे है किंतु कुछ नहीं हो रहा, इसलिए हमें सख्त फैसले लेने पड़ रहे हैं।
इस मीटिंग में 35 जत्थेबंदियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इसमें शाम लाल घावरी, राकेश कुमार और सतिंदर सिंह के अलावा शीशपाल, सुरेश कुमार, अनिल कुमार, किशोरी लाल, शमशेर लोटिया, विनोद लौट, दिलबाग टांग, भगत राज तिसवर, सुनील कुमार, धरमपाल गहलोत, जसवीर कुमार,हरी मोहन, रजिंदर कुमार, गुरमेल सिंह दारा, सतीश मंचल, डा. धरमिंदर, अनिल गुप्ता, रामफल, संतोष सिंह, रवी कुमार, रघुवीर सिंह, चरणजीत सिंह, दलजीत सिंह आदि भी शामिल थे।