पुस्तकों की मनुष्य के जीवन को तराशने और संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका: डॉ. चौहान

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करनाल, 6 सितंबर। गुरु अर्थात शिक्षक और ग्रंथ यानी श्रेष्ठ पुस्तकें मनुष्य के जीवन को तराशने और संवारने में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। जिस मनुष्य को अच्छे गुरू की मार्गदर्शन रूपी कृपा और अच्छी किताब के रूप में मित्र प्राप्त हो जाए, उसे सफलता के रास्ते पर निरंतर बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने जिला परिषद परिसर में चलने वाले ज्ञान सागर ई- पुस्तकालय में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले स्वाध्यायी विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। इस अवसर पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी से जुड़े विभिन्न विषयों पर प्रतिभागी छात्र-छात्राओं ने अपने विचार प्रकट किए । साथ ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की प्रेरणा से 2015 से संचालित हो रहे पुस्तकालय की व्यवस्थाओं और समस्याओं पर भी समीक्षात्मक चर्चा हुई।
ग्रंथ अकादमी उपाध्यक्ष डॉ. चौहान ने बताया कि ज्ञान सागर पुस्तकालय की स्थापना में ज़िले के प्रबुद्ध सामाजिक लोगों ने आगे बढ़कर योगदान दिया था और उन्हें ऐसा करने के लिए स्वयं मुख्यमंत्री को प्रेरित किया था। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में नियुक्तियों में पारदर्शिता के चलते युवा पीढ़ी प्रतियोगी परीक्षाओं की तरफ़ अब पहले की तुलना में सैकड़ों गुणा अधिक विश्वास के साथ देखने लगी है। कोचिंग सेंटरों पर आने वाले युवक युवतियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके चलते करनाल शहर सहित जिले के विभिन्न हिस्सों में पुस्तकालयों की मांग भी बढ़ रही है। डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की जिला कार्यसमिति बैठक में मुख्यमंत्री जी ने करनाल में और अधिक पुस्तकालयों की स्थापना की संभावनाएं तलाशने और उनकी योजना बनाने के लिए शिक्षा क्षेत्र से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं की कमेटी गठित की है। उन्होंने कहा कि इसी सप्ताह वे इस समिति के सदस्यों से नई पुस्तकालयों के संबंध में विमर्श कर मुख्यमंत्री महोदय को रिपोर्ट प्रेषित करेंगे।
पुस्तकालय में नियमित रूप से पढ़ने आने वाले विद्यार्थियों में से हिंदी में  नेट की तैयारी कर रहे कृष्ण चंद ने बताया कि पुस्तकालय में पढ़ाई के लिए जो माहौल मिल पाता है, वैसा माहौल साधारणतया घरों में अधिकांश लोगों को नहीं मिल सकता। संस्कृत की छात्रा अंजलि ने पुस्तकालय में बैठने की व्यवस्था को और बेहतर बनाए जाने की आवश्यकता जतायी। बैंकिंग की परीक्षा की तैयारी कर रही सेक्टर 6 निवासी प्रिया ने कहा कि पुस्तकालय अवकाश के दिन भी खुलना चाहिए और इसके दैनंदिन खुलने के समय में भी वृद्धि की जानी चाहिए। कुंजपुरा निवासी अतुल और नीरज ने पुस्तकालय में उपलब्ध सुविधाओं की सराहना करते हुए नई पुस्तकों की खरीद की आवश्यकता पर बल दिया। छात्रा किम प्रीत ने कहा कि पुस्तकालय में बने शौचालय की सफाई व्यवस्था और दुरुस्त करने की गुंजाइश है। भावना सिंह राजपूत ने सब को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए संस्कृत के एक श्लोक के साथ गुरुजनों को नमन किया। भावना ने कहा कि अच्छा शिक्षक बनने के लिए स्वाध्याय बहुत आवश्यक है। विद्यार्थियों की समस्याएं सुझाव सुनने के बाद डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने पुस्तकालय के प्रभारी से कहा कि वे सफाई व्यवस्था को दुरुस्त कराएं और पुस्तकालय में एक शिकायत और सुझाव पंजिका भी रखें।

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