आने वाला समय सूचना प्रौद्योगिकी का: रणजीत सिंह

आने वाला समय सूचना प्रौद्योगिकी का: रणजीत सिंह

चंडीगढ़, 19 नवंबर। हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता ने देश को नयी राह दिखाई है। इसके लिए हमारे वैज्ञानिक बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि स्पेस प्रोग्राम और टेक्नोलॉजी से देश में क्रांतिकारी परिवर्तन आए हैं। आने वाला समय आईटी का है। उन्होंने कहा कि आईटी का ही कमाल है कि हमने 18 साल में जितना प्राप्त किया उतना पांच साल में प्राप्त कर लिया। वह रविवार को यहां चंडीगढ़ जर्नलिस्ट्स एसाेसिएशन एंड एनयूजे-आई स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन की ओर से ‘इम्पैक्ट ऑफ स्पेस प्रोग्राम ऑन सोसाइटी एंड इंडस्ट्री’ विषय पर आयोजित रीजनल वर्कशॉप में मुख्य अतिथि के रूप में वर्चुअली शामिल हुए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता पंजाब यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. रेणु विग ने की। उन्होंने भारतीय स्पेस प्रोग्राम के बारे में विस्तार से बताते हुए ‘जुगाड़’ टेक्नोलॉजी से लेकर चंद्रयान 3 की सफलता तक के इसरो के सफर की चर्चा की। उन्होंने कहा कि चंद्रयान 3 की सफलता ने भारत को टॉप देशों की लीग में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि स्पेस प्रोग्राम से जो टेक्नोलॉजी देश को मिली है उससे आज हर क्षेत्र में विकास के नये रास्ते खुल गए हैं। इस टेक्नोलॉजी का ही कमाल है कि आज हम मौसम के अनुमान का सटीक अनुमान लगा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि स्पेस प्रोग्राम का सबसे सकारात्मक असर हमारे युवाओं पर पड़ा है। आज हमारे यूथ टेक्नोलॉजी की बात करते हैं, चंद्रयान की बात करते हैं। यह युवाओं के लिए प्रेरणा का माध्यम बना है। साथ ही उन्होंने कहा कि स्पेस प्रोग्राम ने टेलिमेडिसिन, सोलर पम्प्स, स्पेस टूरिज्म और एयरोस्पेस में नये रास्ते खोल दिए हैं। उद्योगों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 में इस्तेमाल किए गए कम्पोनेंट्स में से 75 फीसदी देश के एमएसएमई सेक्टर से सप्लाई किए गए थे। स्पेस प्रोग्राम के चलते भारत ‘लैंड ऑफ अपॉर्च्युनिटी’ बन चुका है और युवाओं के इस अवसर का फायदा उठाना चाहिए।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि चंद्रयान-3 और भारत के स्पेस कार्यक्रम की सफलता से हर बच्चा और हर विद्यार्थी जुड़ा है। उन्होंने कहा कि इस बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी विद्यार्थियों व युवाओं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्पेस प्रोग्राम हमारे समाज के डीएनए में है। साथ ही कहा कि नये इनोवेशन का सीधे या परोक्ष रूप से फायदा जनता को ही होता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को स्पेस प्रोग्राम के प्रति जागरूकता के लिए यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों के कार्यक्रम करवाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि आज मौसम के पूर्वानुमान से लेकर बिना किसी से पूछे मोबाइल पर रास्ता जानने तक हर कदम पर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है।
टेक्निकल सत्र में इसरो के पूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. वीएस हेगड़े ने कहा कि जनता के योगदान से ही आज देश का स्पेस प्रोग्राम इतना सफल हो पाया है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता ने देश को दुनिया में अगली कतार में लाकर खड़ा कर दिया है। आने वाले वर्षों में स्पेस सेक्टर में 30 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि टेक्नाेलॉजी ने ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के जीवन काे आसान बनाया है। इससे लोगों का स्पेस प्रोग्राम में भरोसा बढ़ा है। उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र — टीवी, हेल्थकेयर, नैविगेशन आदि — में टेक्नोलॉजी का अहम योगदान है।
कार्यक्रम में पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के डा. राकेश कुमार, डा. एचएस जट्टाना और डा. तरुण कुमार जैन ने भी समाज और उद्योगों पर स्पेस प्रोग्राम के सकारात्मक प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया बताया। डा. जट्टाना और डॉ राकेश कुमार ने सैटेलाइट लॉन्च के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
चंडीगढ़ जर्नलिस्ट्स एसाेसिएशन के अध्यक्ष अमरनाथ वशिष्ठ ने मेहमानों का परिचय कराया। एनयूजे-आई अशोक मलिक ने मेहमानों का स्वागत किया और विषय की सामयिकता की चर्चा की, एनयूजे-आई स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन के चेयरमैन जितेंद्र अवस्थी ने स्कूल की गतिविधियों की जानकारी दी।

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