कपूरथला, 22 मार्च। गुरु साहिबानों की शिक्षाओं को दोहराते हुए और धरती निचले पानी के दुरुप्रयोग के गंभीर खतरे को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि यदि हम पानी को इसी तरह व्यर्थ करते रहे तो आगामी 20 वर्षों में भारत के 60 प्रतिशत जलस्रोत खतरे के कंगार पर पहुंच जाएंगे। इन शब्दों का प्रगटावा पदमश्री अवार्डी बाबा सेवा सिंह खडूर साहिब ने पुष्पा गुजराल साइंस सिटी द्वारा राष्ट्रीय जल दिवस मौके करवाए गए प्रोग्राम दौरान किया। जल स्रोतों की संभाल करनी अब बहुत जरुरी है। यदि हमने अब भी देरी की तो फिर बहुत ज्यादा देर हो जाएगी। हमें पानी की सांभ-संभाल के लिए अधिक से अधिक प्रयास करने चाहिए और बर्बादी को रोकना बहुत जरुरी है।
इस मौके साइंस सिटी की डायरैक्टर जनरल डा. नीलिमा जेरथ ने विद्यार्थियों और अध्यापको को संबोधित करते कहा कि विश्व जल दिवस पानी की महत्ता और विश्व स्तर पर जल संकट के साथ निपटने के लिए जरुरी कदम उठाने के लिए जागरुकता पैदा करने की आशा से मनाया जाता है। इस दिवस मनाने का इस बार का थीम “जमीनी पानी अलोप रहे स्रोतो की बहाली’ है। उन्होंने बताया कि जनसंख्या की लगातार वृद्धि कारण घरेलू कार्यो, खेतीबाड़ी, उद्योगों और बिजली के उत्पादन के लिए पानी की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। शहरीकरण, बड़े सतर पर बढ़ रहे उद्योगों व खेती के उत्पादनो को बढ़ाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले पैस्टीसाइड के कारण धरती के ऊपरला व नीचला पानी भी दिन प्रतिदिन गंदला होता जा रहा है। इसका पीने वाले पानी की उपलब्धता पर भी सीधा प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि टयूबवैलों की बढ़ती संख्या के नतीजे के तौर पर पीने वाले पानी का स्तर हर वर्ष 23 से लेकर 50 सैंटीमीटर हर वर्ष गहरा हो रहा है। पंजाब के जलस्रोत डायरैक्टोरेट और सैंटर ग्राऊंड वाटर बोर्ड भारत सरकार द्वारा 137 ब्लाकों में से 105 ब्लाक सीमा से अधिक, 7 नाजुक, 3 अर्द्ध नाजुक और 25 को खतरे से बाहर वाले क्षेत्रांे में रखा गया है। इस मौके साइंस सिटी के डायरैक्टर डा. राजेश ग्रोवर ने विद्यार्थियों को अपील की कि जल की संभाल के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रही संस्थाओं के साथ मिल कर वाटरशैड की योजना तैयार करे और ऐसे नए ढंग तरीके ढूंढे जो दरियाओं, झीलों व जलगाहो को संभालने में सहायता करें।
इस मौके पानी की सांभ-संभाल के विषय पर करवाए गए सलोगन लेखन और पानी के आडिट मुकाबले के नतीजे इस प्रकार रहे।
सिरलेख लेखन के मुकाबले में कैंब्रिज स्कूल जालंधर की मनरीत कौर ने प्रथम, डीएवी माडल हाई स्कूल कपूरथला की सिमरन कौर ने द्वितीय व आनंद पब्लिक सिनियर सैकेंडरी स्कूल कपूरथला की गरिमा ने तृतीय स्थान हासिल किया।
पानी के आडिट मुकाबले में मानव सहयोग स्कूल की वैदित व समीर और सहजदीप व अवनीत ने प्रथम और द्वितीय स्थान हासिल किया। इसी तरह अन्य मुकाबलों में आनंद पब्लिक सीनियर सैकेंडरी स्कूल कपूरथला की गरिमा तृतीय स्थान पर रही।