चंडीगढ़, 19 मार्च। कोरोना के दो साल बाद आई रंगों की दुनिया वाला त्योहार “शिवालिक एन्क्लेव” में खूब रंगीन मिज़ाजी से मनाया गया। खासतौर पर बच्चों ने इकट्ठे होकर पिचकारी ओर रंगों से एक दूसरे को रंगते हुये खूब मौज मस्ती की । शिवालिक एन्क्लेव में कोरोना के कारण हुई मानसिक थकान को हर उम्र के लोगों ने होली खेलते हुये दूर भगाया। आम तौर पर इस त्योहार के लिये कहावत है कि इस दिन बैर भाव को भूल कर आपस में प्यार की भावना से एक दूसरे के गले मिलते हैं व फूलों के साथ साथ रंगों की होली खेलते हुये इस त्योहार का आनंद लेते हैं। शिवालिक एन्क्लेव वासियों में होली खेलते हुए भाईचारे का रंगीन माहौल दिखाई दिया। बच्चों ने टोलियां बनाई हुई थी व पूरी तरह रंग बिरंगे रंगों से सराबोर थे, कोई भी बच्चा पहचान में नही आ रहा था ,ऐसे ही शिवालिक एन्क्लेव में बडे बुजुर्गों ने एक दूजे को सूखे रंग व पानी से होली की मुबारक दी। हर टोली में ऊंची हंसी देख ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे कोरोना काल के दो साल बाद अंदर दबी हुई हंसी बाहर निकली हो | कई जगह मीठे पकवान व पकौडे बनाये गये जिसे सभी ने चटकारे लेते हुये माहौल को ओर अधिक खुशनुमा बनाया।