नवीनता के जरिए भारत विकसित देश बन सकता है: डॉ. जैरथ

कपूरथला, 19 मार्च। पुष्पा गुजराल साइंस सिटी ओर से अपने 17वें स्थापना दिवस पर नौजवान वर्ग को नए-नए आविष्कार व सृजनात्मकता प्रति उत्साहित करने के उद्देश्य से इनोटेक 2022 करवाया गया। डिजिटल मोड के जरिए करवाए इनोटेक 2022 में पंजाब के अलग-अलग इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक कॉलेजों के 100 विद्यार्थियों ने विज्ञान व टेक्नोलॉजी के अलग-अलग क्षेत्रों को दर्शाते माडलों का प्रदर्शन किया।
साइंस सिटी की डायरेक्टर जनरल डा.नीलिमा जेरथ ने कहा कि क्षेत्र कोई भी हो, विकास टेक्नोलॉजी के साथ ही होता है और टेक्नोलॉजी तब आती है, जब विज्ञान में कुछ नया हो। विज्ञान व टेक्नोलॉजी के चलते ही हमारी आज की जिंदगी बहुत आसान व सुविधाजनक बनी है। इसके साथ ही हम आज मजबूत हुए है। नए-नए आविष्कार व खोजों के चलते ही भारत, विकसित देश का सपना संभव हो सकता है। इनोटेक खास कर उभर रहे टेक्नोक्रेट के लिए अपने हुनर का पेशेवार प्रदर्शन करने के लिए एक प्लेटफार्म प्रदान करता है। देश के प्रमुख तीन साइंस सिटियों में गिने जाने वाले पुष्पा गुजराल साइंस सिटी का नींव पत्थर 1998 में रखा गया था। लेकिन रस्मी तौर पर इसका उद्घाटन आज के दिन 2005 में हुआ था। तब से लेकर आज तक लंबा सफर तय किया और राष्ट्रीय आवार्ड जीते। अति-आधुनिक सहूलतों से साइंस सिटी ने कैंपस, बाहरी व ऑनलाइन प्रोग्रामों के जरिए विज्ञान को लोगों तक पहुंचाया है। सफलता का कभी अंत नहीं होता। इससे बढ़िया दिन और कौन सा हो सकता है। यह विचार करने का कि 17 साल पहले हमारी क्या उम्मीदें थी। 17 साल के विकास पर चिंतन करें, हमारी प्राप्तियों पर मूल्यांकन करे और एक लाभकारी भविष्य के लिए विज्ञान व टेक्नालोजी में नीचले स्तर पर नयापन लाने की कामना करे। उन्होंने अरस्तु का हवाला देते हुए कहा कि “श्रेष्ठता दुर्घटना नहीं है’, यह हमेशा उच्च इरादों, सुहरिद यत्नों व बुद्धिमान अमल का नतीजा होता है। यह बहुत से बदलावों की वुद्धिमान चयन को दर्शाता है। बदलाव मौका नहीं, यह आपकी किस्मत निर्धारित करता है। महानता बहुत संयम से प्राप्त होती है।
इस मौके थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी पटियाला के प्रोफेसर डा. विकास हांडा ने अपने विशेष लेक्चर दौरान नौजवान खोजकर्ताओं की प्रेरणादायक कहानियों के जरिए उपस्थित विद्यार्थियों को जिंदगी जीने के नवीनता को एक ढंग के रुप में अपनाने के लिए उत्साहित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को अपना ज्ञान लगातार बढ़ाते हुए आसपास आ रही नई चीजों को समझने व समाजिक भलाई के लिए कुछ ऐसी तबदीलियां करने की अपील की। जिसके परिणाम सकारात्मक व फलदायक निकले।
साइंस सिटी के डायरेक्टर डा.राजेश ग्रोवर ने कहा कि नई-नई खोजें, आविष्कार, सिद्धांत व इनका प्रयोग हर रोज हमारी जिंदगी को बदल रहा है। इस कारण बच्चों व आम लोगों को समय का साथी बनाना भी बहुत जरूरी है। साइंस सिटी विज्ञान व टेक्नोलॉजी नए क्षेत्रों बारे आम लोगों को जागरूक करवाने के लिए हमेशा प्रयत्नशील है। इसके अलावा विज्ञान, टेक्नालोजी, इंजीनियरिंग व गणित शिक्षा की जरुरत को समझते हुए यहां गणित की एक गैलरी स्थापित की गई है और इलेक्ट्रीसिटी गैलरी का काम चल रहा है। उन्होंने मार्च 2005 से लेकर आज तक साइंस सिटी को मिले आम लोगों के सहयोग का आभार व्यक्त किया।
इनोटैक इंजीनियरिंग कैटागिरी में पहला ईनाम गुरु नानक देव इंजीनियरिंग कालेज लुधियाना (प्रोजेक्ट सोलर पैनल की सफाई), दूसरा ईनाम चित्रकार इंजीनियरिंग व टेक्नालोजी इंस्टीच्यूट मोहाली (प्रोजेक्ट समाजिक दूरी बनाए रखने के लिए स्मार्ट डोर सिस्टम) और तीसरा ईनाम जीएनए फगवाड़ा (प्रोजेक्ट ट्रक की ओवर लोडिंग से बचाव) ने हासिल किया।
इनोटेक की पॉलीटेक्निक कैटेगरी में सरकारी पॉलिटेक्निक कालेज खूनीमाजरा की टीम ने पहला (प्रोजेक्ट आपदा प्रबंधन सिस्टम), दूसरा (प्रोजेक्ट इलेक्ट्रिक कार) व तीसरा (प्रोजेक्ट डब्लयू प्लस सिक्योरिटी एेप) ईनाम  मेहरचंद पॉलिटेक्निक कॉलेज की टीम ने जीता।

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