चण्डीगढ़, 11 मार्च। डिजिटल मोड के माध्यम से ‘क्रिमिनल लॉ एंड एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ़ क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम इन इंडिया: रीसेंट ट्रेंड्स’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के जज न्यायमूर्ति विनोद एस भारद्वाज ने रयात कॉलेज ऑफ लॉ के लॉस्टूडेंट्स को सम्बोधित करते हुए प्रतिभागियों को आपराधिक न्याय प्रणाली के कई पहलुओं के साथ-साथ कानून के सामाजिक पहलुओं से अवगत कराया।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों से केस कानूनों का जिक्र करते हुए, उन्होंने छात्रों को आपराधिक न्याय प्रणाली के प्रशासन में न्यायपालिका के महत्व पर शिक्षित किया। उन्होंने कुछ न्यायाधीशों के अनुभवों के साथ-साथ उनके व्यवहार पर भी जोर दिया। उन्होंने प्रतिभागियों को उनके मौलिक अधिकारों के साथ-साथ उन सामाजिक बाधाओं के बारे में याद दिलाया, जिनका वे हमारे समाज में सामना करते हैं, उदाहरण के रूप में भारतीय नागरिक और आपराधिक संहिता का उपयोग करते हैं। उन्होंने भारत के सर्वोच्च न्यायालय के हालिया फैसलों का हवाला देते हुए संवैधानिक नैतिकता, सार्वजनिक नैतिकता और निजता के अधिकार, त्वरित परीक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों की भी व्याख्या की। प्रोफेसर डॉ ज्योति रतन, पंजाब विश्वविद्यालय और डॉ जसवंत सैनी, डॉ योगिंदर सिंह एसोसिएट प्रोफेसर महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक विभिन्न तकनीकी सत्रों के दौरान अध्यक्ष थे।
इससे पूर्व, रयात ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के अध्यक्ष निर्मल सिंह रयात और कॉलेज की प्राचार्य डॉ. मोनिका शर्मा ने मुख्य अतिथि, गणमान्य व्यक्तियों और सभी प्रतिभागियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। संगोष्ठी के समन्वयक डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि राज्य भर के प्रतिभागियों द्वारा 50 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। सर्वश्रेष्ठ पेपर प्रस्तुति का पुरस्कार खुशी भाटिया और विशाल चौधरी को दिया गया। डॉ. आकाशदीप ने सभी गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों को धन्यवाद प्रस्ताव दिया। इस संगोष्ठी के आयोजक डॉ. सोहनू और कंचन जसवाल आदि शामिल थीं।