चंडीगढ़, 7 मार्च। हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल कहा है कि राज्य में नियम 134 – ए के तहत निजी विद्यालयों के आवेदित 55,029 छात्र / छात्राओं की मूल्यांकन परीक्षा ली गई, जिसमें 36,167 छात्र उत्तीर्ण हुए तथा सरकारी विद्यालयों के 11,298 बच्चे दाखिले के लिए पात्र बने । इन पात्र बच्चों में से प्रथम एवं द्वितीय चरण के लिए 45,289 बच्चों को उनके विद्यालय के विकल्प के आधार पर विद्यालय अलॉट किये गए ।
कंवर पाल ने यह जानकारी आज हरियाणा विधान सभा सत्र के दौरान लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर दी। उन्होंने कहा कि राज्य में नियम 134 – ए के अंतर्गत मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय दस प्रतिशत सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के गरीब गुणवान छात्रों एवं गरीबी रेखा से नीचे ( बी ० पी ० एल ० ) श्रेणियों से सम्बन्धित मेधावी छात्रों के लिए आरक्षित की जाती हैं । उन्होंने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2021-22 में भी कोविड -19 महामारी के कारण सरकारी / गैर सरकारी विद्यालयों के बन्द होने की स्थिति में फरवरी – मार्च 2021 में भी समय – सारणी जारी नहीं की जा सकी । शैक्षणिक सत्र 2021-22 में नियम 134 – ए के तहत दाखिले के सम्बन्ध में समय सारणी जारी करने के लिए दिनांक 08.10.2021 को उच्च न्यायालय में याचिका दायर होने के उपरांत इसे जारी किया गया। निजी विद्यालयों के आवेदित 55,029 छात्र / छात्राओं की मूल्यांकन परीक्षा ली गई, जिसमें 36,167 छात्र उत्तीर्ण हुए तथा सरकारी विद्यालयों के 11,298 बच्चे दाखिले के लिए पात्र बने । इन पात्र बच्चों में से प्रथम एवं द्वितीय चरण के लिए 45,289 बच्चों को उनके विद्यालय के विकल्प के आधार पर विद्यालय अलॉट किये गए । उपरोक्त समय – सारणी जारी होने के पश्चात् हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल कॉन्फ्रेंस रजिस्टर द्वारा याचिका दायर की गई जिसमें विभाग द्वारा जारी पत्र दिनांक 08.10.2021 एवं जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, फरीदाबाद के पत्र दिनांक 19.10.2021 को रद्द करने की मांग की गई । इस याचिका में माननीय कोर्ट द्वारा दिनांक 01.11.2021 को अन्तिरम आदेश Meanwhile,no coercive steps be adopted पारित किए गए।
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 में विभिन्न निजी विद्यालयों में कुल 21,577 ( कक्षा 2 से 8 में 20835 तथा 9 वीं व 11 वीं कक्षा में 1192 ) बच्चों का दाखिला किया गया तथा 11,706 बच्चों ने दाखिला लेने से मना किया है । पिछले वर्षों में नियम 134 ए के तहत हुए दाखिलों के आधार पर समीक्षा की जाए तो इस वर्ष भी कक्षा 2 से 8 में दाखिले अधिक अनुपात में हुए हैं । राज्य के कुछ नामी निजी विद्यालयों द्वारा 12,006 बच्चों को दाखिला नहीं दिया गया , उन विद्यालयों को मान्यता रदद करने के नोटिस भेजे गए जिनके विरुद्ध हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल कॉन्फ्रेंस रजिस्टर द्वारा याचिका के अन्तरिम आदेशों की अनुपालना में सी ओ सी दायर कर दी गई । अतः उन निजी विद्यालयों , जिन्होंने नियम 134 – ए के तहत दाखिले नहीं किये थे उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही नहीं की जा सकी । मामले की माननीय उच्च न्यायलय में अगली सुनवाई दिनांक 21.03 2022 को होनी निश्चित है ।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि दाखिले के लिए पात्र छात्रों के जिन अभिभावकों ने पूर्व विद्यालयों से विद्यालय छोड़ने के प्रमाण पत्र ले लिये गए थे उनकी सुविधा के लिए विभाग द्वारा दाखिले की दिनांक 15.12.2021 से 18.02.2022 तक दाखिले करने के लिए तीन बार तिथियाँ भी बढ़ाई गई । राज्य सरकार द्वारा अपने स्तर पर नियम 134 – ए के तहत निजी विद्यालयों में दाखिला कराने के लिए सभी सम्भव प्रयास किये गए हैं , किंतु मामला माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित होने के कारण विभाग द्वारा दाखिला न करने वाले निजी विद्यालयों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही नहीं की जा सकी । उन्होंने बताया कि नियम 134 – ए के तहत दाखिले के पात्र छात्रों का शैक्षणिक सत्र खराब न हो , उसके लिए सरकार द्वारा जिन अभिभावकों ने पूर्व विद्यालयों से विद्यालय छोड़ने के प्रमाण पत्र ले लिये गए थे उन्हें पुनः उनके पूर्व निजी विद्यालय या सरकारी विद्यालय दाखिला देने हेतु दिनांक 07.02 .2022 को आदेश पारित कर दिए हैं ।
श्री कंवरपाल ने बताया कि अनुच्छेद 21 ए अनुसार भारत सरकार द्वारा बनाए गए निःशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत सरकार छह वर्ष से चौदह वर्ष की आयु के बच्चों को शिक्षा देने के लिए वचनबद्ध है । अड़ोस – पड़ोस के क्षेत्र की स्थिति के आधार पर राज्य में प्राईमरी स्तर के 8856 तथा माध्यमिक स्तर के 2421 सरकारी स्वतंत्र विद्यालय खोले हुए हैं,ताकि कोई भी छह वर्ष से चौदह वर्ष की आयु का छात्र शिक्षा से वंचित न रहे । हरियाणा विद्यालय शिक्षा नियम , 2003 के नियम 134 – ए . के अंतर्गत बी ० पी ० एल ० / ई 0 डब्लयू ० एस ० वर्ग के मेधावी बच्चों को निजी विद्यालयों में पढ़ाई के लिए अवसर प्रदान करने का प्रावधान है ।
उन्होंने बताया कि मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में दाखिल बच्चों को परिवहन सुविधा केवल एक वैकल्पिक सुविधा के तौर पर दी जाती है जिसके सम्बन्ध में सरकार द्वारा अधिसूचना दिनांक 08.12.2021 को जारी की गई है इसके नियम 158 के उपनियम 4 के खण्ड ( प प) के प्रावधान के अंतर्गत वैकल्पिक फीस घटक – मान्यता प्राप्त विद्यालय द्वारा प्रदान की जाने वाली वैकल्पिक गतिविधियों और सुविधाओं के लिए भुगतानयोग्य फीस शामिल होगी। जिसमें परिवहन , बोडिंग ; भोजनालय या भोजन कक्ष , अध्ययन – भ्रमणः कोई अन्य समरूप गतिविधि है।
उन्होंने बताया कि वैकल्पिक फीस घटक केवल उन्हीं छात्रों से प्रभारित किया जाएगा , जो विद्यालय द्वारा प्रदान की जाने वाली वैकल्पिक गतिविधियों और सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए विकल्प देते हैं , इसके अतिरिक्त विद्यालय के किसी छात्र या माता – पिता या अभिभावक की शिकायत प्राप्त होती है तो उसके लिए फीस तथा निधि नियामक समिति का गठन किया हुआ है अतः समिति जांच करेगी जिसमें विद्यालय और शिकायतकर्ता को सुनवाई का उचित अवसर दे सकती है । उन्होंने बताया कि शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में नियम 134 – ए के तहत आवेदित 66,495 बच्चों में से 45,289 छात्र पात्र पाये गये , जिन्हें विभिन्न विद्यालय आबंटित किये गए।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग , हरियाणा द्वारा किसी प्रकार की भूमि आबंटन का कार्य नहीं किया जाता है । हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण से प्राप्त सूचना अनुसार विकसित की गई विभिन्न शहरी सम्पदाओं में स्कूल हेतु उपलब्ध भू – खण्डों को दिनांक 06.05.1997 से खुली नीलामी द्वारा बेचा जाता है । दिनांक 06.05.1997 के बाद से स्कूलों की स्थापना हेतु भू – खण्डों का आबंटन रियायती दरों पर नहीं किया गया है ।
उन्होंने बताया कि निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम , 2009 के संशोधित अधिनियम , 2019 के प्रावधान अनुसार कक्षा 5 वीं और 8 वीं के प्रत्येक शैक्षणिक सत्र में नियमित परीक्षाओं के आयोजन अनुसार सरकार द्वारा दिनांक 25.06.2020 को आठवीं कक्षा की हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड , भिवानी द्वारा बोर्ड परीक्षा करवाने हेतु नीतिगत निर्णय लिया गया था । तत्पश्चात् कुछ निजी विद्यालयों ने पंजाब एण्ड हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका का दायर की गई । जिसके संदर्भ में सरकार द्वारा पुनः विचार करते हुए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड , भिवानी की बजाय राज्य शैक्षिक अनुसंधान तथा प्रशिक्षण परिषद् , गुरुग्राम जो कि शैक्षणिक प्राधिकरण घोषित किया हुआ है । राज्य शैक्षिक अनुसंधान तथा प्रशिक्षण परिषद को पाँचवी एवं कक्षा की नियमित परीक्षा लेने बारे अधिकृत किया हुआ है । दिनांक- 18 जनवरी , 2022 को जारी गई अधिसूचना अनुसार नियम 21 एवं 22 में संशोधन किया गया।
उन्होंने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2021-22 समापन के समीप होने के कारण वर्तमान शैक्षणिक सत्र की नियमित परीक्षा का आयोजन स्थगित कर दिया गया है।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि कोविड- 19 महामारी के दौरान बच्चों के सीखने के नुकसान से निपटने के लिए विभाग द्वारा कई कदम उठाए गए। सीखने की हानि और स्कूली शिक्षा निरन्तरता में अंतर से निपटने के लिए,राज्य द्वारा ऑनलाईन और ऑफलाईन उपायों को अपनाया गया । ऑडियो – वीडियो सामग्री चार चौनलों पर एजुसैट के माध्यम से पूरे वर्ष प्रतिदिन प्रसारित की गई तथा पी ० डी ० एफ ० के रूप में सीखने की सामग्री को ऐप के माध्यम से छात्रों के साथ सांझा किया गया । अवसर ऐप को राज्य द्वारा घर से भी सीखने में निरन्तर विकसित किया गया
नियम 134 – ए के तहत दाखिले के लिए इस वर्ष निजी विद्यालयों से 55,029 तथा सरकारी विद्यालयों से 11,466 कुल 66,495 छात्रों द्वारा आवेदन किया गया । जिससे यह स्पष्ट होता है कि नियम 134 – ए का फायदा अधिकांशतः प्राईवेट विद्यालयों में पढ़ रहे छात्र ही उठा रहे हैं जबकि 134- ए नियम का प्रावधान सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे गरीब मेधावी छात्रों के हित हेतु बनाया गया था । 134 – ए नियम के तहत वर्ष 2015-16 से अब तक 70,31,30,700 रूपये की राशि प्राईवेट विद्यालयों को प्रतिपूर्ति हेतु गई है । निःशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम -2009 के मध्यनजर , राज्य सरकार द्वारा पारित 134 – ए नियम के पुनर्विचार हेतु मामला सरकार के विचाराधीन है।