चंडीगढ़, 2 मार्च। हरियाणा सरकार ने राज्य में पंचायतों की बागडोर पढ़े-लिखे हाथों में सौंपने के बाद अब ग्रामीण विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए पंचायतीराज संस्थाओं के आगामी चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व देने का निर्णय लिया है।
राज्यपाल बंडारू दतात्रेय ने आज यहां आरंभ हुए हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सदन में अपना अभिभाषण देते हुए यह जानकारी देते हुए कहा कि सरकार पंचायतीराज संस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए तीनों स्तरों की पंचायतीराज संस्थाओं को और अधिक दायित्व सौंपेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने पंचायतीराज संस्थाओं के आगामी चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व देने के निर्णय के अलावा पिछड़ा वर्ग-ए को भी 8 प्रतिशत प्रतिनिधित्व दिया है। सरकार ने पंचायतीराज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को पेंशन देकर उनका सम्मान बढ़ाया है और लोगों के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सरपंच पद के सम्बंध में मतदाताओं को ‘राइट टू रीकॉल’ दिया गया है।
ग्राम विकास
उन्होंने कहा कि इसीप्रकार, सरकार गांवों के विकास को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। खेतों में आवाजाही को सुगम बनाने के लिए पांच करम के सभी रास्तों को पक्का किया जा रहा है। सरकार ने ग्रामीण अंचल के लोगों और सरकार के बीच एक सेतू स्थापित करने के लिए ‘ग्राम दर्शन पोर्टल’ शुरू किया है। ग्रामवासी इस पोर्टल के माध्यम से विकास कार्यों से जुड़ी मांग, सुझाव और शिकायतें सरकार को भेज सकते हैं। ग्रामीणों को उनकी सम्पत्ति का मालिकाना हक देने के लिए सभी गांवों को लाल डोरा मुक्त करने की योजना के तहत अब तक 15 लाख 67 हजार से अधिक ग्रामीण परिवारों को स्वामित्व कार्ड दिए जा चुके हैं। इसी प्रकार, ‘दीन दयाल उपाध्याय कौशल विकास योजना’ में 2178 लाभार्थियों को कौशल प्रशिक्षण और 288 उम्मीदवारों को नौकरी प्रदान की गई है।
शहरी विकास
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने शहरी निकायों को न केवल शक्तियां प्रदान की हैं बल्कि उन्हें वित्तीय रूप से मजबूत भी बनाया है। शहरी स्थानीय निकायों के वित्तीय संसाधन बढ़ाने के लिए अचल संपत्ति के पंजीकरण पर कुल स्टाम्प शुल्क का 2 प्रतिशत उनके खातों में सीधा जमा करवाने का प्रावधान किया गया है। शहरों की हर संपत्ति की प्रॉपर्टी आई.डी और प्रॉपर्टी टैक्स का अलग पोर्टल बनाया है। इसके अतिरिक्त, 20 साल से अधिक समय से किराये या लीज अथवा लाइसेंस फीस पर चल रही पालिकाओं की दुकानों व मकानों की मलकीयत उन पर काबिज व्यक्तियों को ही देने का निर्णय लिया गया। इसके तहत लगभग 7077 लाभार्थियों ने आवेदन किया है।
उन्होंने कहा कि अब पंचकूला के विकास के लिए मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी का गठन किया गया है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत फरीदाबाद और करनाल में 824 करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य किए जा रहे हैं जिसमें 327.59 करोड़ रुपये की 30 परियोजनाओं का कार्य पूरा किया जा चुका है। अमृत-2 के तहत 93 शहरी निकायों में पानी, सीवरेज जैसी बुनियादी सुविधाओं का प्रबंध किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर पालिकाओं में बुनियादी नागरिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए वर्ष 2021-22 में एक नई ‘मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना’ शुरू की गई है। इसके तहत 1088 करोड़ 37 लाख रुपये की राशि अब तक विभिन्न पालिकाओं को विकास कार्यों के लिए जारी की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘कचरे से कंचन’ अभियान को गति देने के लिए गुरुग्राम में डीजल तथा पैट्रोल आटो के स्थान पर ई-ऑटोरिक्शा चलाने की योजना बनाई गई है। सोनीपत-पानीपत कलस्टर में कूड़े-कचरे से बिजली बनाने के लिए 6.77 मेगावाट क्षमता का संयंत्र लगाया गया है और जिला गुरुग्राम के गांव बंधवाड़ी में भी ऐसा संयंत्र लगाया जा रहा है। सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत किये गये ठोस प्रयासों के फलस्वरूप केन्द्र सरकार द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 के परिणामों में हरियाणा को स्टेट अवार्ड मिला है। इसके अलावा, नगर निगम, रोहतक तथा नगर निगम, गुरुग्राम को ‘गारबेज-फ्री सिटी’ का अवार्ड मिला है। यही नहीं, नगर निगम, गुरुग्राम को ‘सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज’ का अवार्ड भी मिला है। शहरी सफाई कर्मचारियों का मासिक वेतन 13 हजार 500 रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये या डीसी रेट, में से जो अधिकतम हो, किया गया है।