चंडीगढ़, 2 मार्च। हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश के गन्ना उत्पादकों को गन्ने का 362 रुपये प्रति क्विंटल तक का भाव दिया जा रहा है, जो देश में सर्वाधिक है। इसके अतिरिक्त, किसानों को गन्ने के लिए भुगतान समय पर किया जा रहा है और गत पिराई मौसम की समाप्ति उपरांत समस्त बकाया राशि का भुगतान कर दिया गया है।
यह बात राज्यपाल बंडारू दतात्रेय ने आज यहां आरंभ हुए हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सदन में अपना अभिभाषण देेते हुए कही। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदेश में छोटे किसानों, ग्रामीण विकास, समाज के कमजोर व गरीब वर्गों के आर्थिक स्तर को ऊंचा उठाने में सहकारिता आंदोलन के महत्व को देखते हुए इस क्षेत्र को मजबूती देने के लिए अनेक कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लगभग 760 करोड़ रुपये की लागत से चरणबद्ध तरीके से विभिन्न सहकारी चीनी मिलों के विस्तारीकरण एवं आधुनिकीकरण के साथ-साथ सह-बिजली संयंत्र व एथेनॉल प्लांट की स्थापना के लिए भी काम कर रही है। सहकारी चीनी मिलों की दैनिक पिराई क्षमता वर्ष 2013-14 में 27300 मीट्रिक टन थी। इसे बढ़ाकर 29650 मीट्रिक टन किया गया है। इसके परिणामस्वरूप लगभग 38 लाख क्विंटल अतिरिक्त गन्ने की पिराई हुई है। उन्होंने कहा कि गत वर्ष करनाल में 3500 टीसीडी क्षमता की नई चीनी मिल शुरू की गई है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने ग्रामीण अंचल में रोजगार सृजित करने और उपभोक्ताओं को घरद्वार पर ब्रांडेड उत्पाद उपलब्ध करवाने के लिए 250 हर हित रिटेल आउटलेट खोले हैं। सभी जिला मुख्यालयों पर हैफेड बाजार के नाम से एक नई परियोजना भी शुरू की है जिसमें से तीन बाजार आउटलेट्स ने कार्य शुरू कर दिया है। इसके अतिरिक्त, जिला स्तरीय सहकारी बैंकों ने खरीफ फसल सीजन 2021 के दौरान 6100 करोड़ रुपये के ऋण दिए हैं। रबी सीजन 2021-22 के दौरान 15 जनवरी, 2022 तक 3163.23 करोड़ रुपये के ऋण दिए गए हैं।
सिंचाई एवं जल संरक्षण
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में उपलब्ध बहुमूल्य जल संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करना सरकार की प्राथमिकता है ताकि न केवल वर्तमान आवश्यकताएं पूरी हों बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों को भी पानी की कमी से जूझना न पड़े। इसके लिए राज्य सरकार जल संरक्षण पर विशेष बल दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तालाबों के सुधार के लिए हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण गठित किया गया है। इसने वर्ष 2022-23 और 2023-24 के दौरान प्रथम चरण में 1802 गांवों में वेटलैंड टेक्नॉलोजी के माध्यम से 4554 तालाबों के पुनर्वास, नवीनीकरण व पुनरोद्धार का कार्य शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में नाबार्ड सूक्ष्म सिंचाई कोष के तहत 32,000 हेक्टेयर भूमि को लाभान्वित करने के लिए नहर आधारित आउटलेट पर बुनियादी ढांचा बनाने के लिए परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। मेवात और गुरुग्राम क्षेत्र को पीने का पानी प्रदान करने के लिए गुडग़ांव जल आपूर्ति नहर से 50 किलोमीटर लम्बी पाईप-लाईन के माध्यम से 200 क्यूसेक की मेवात फीडर नहर का निर्माण 600 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से करने का निर्णय लिया है। गुरुग्राम क्षेत्र और मेवात नहर फीडर की भविष्य में पानी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए गुड़गांव जल सेवाएं चैनल की मौजूदा क्षमता 475 क्यूसेक तक बढ़ाने के लिए पुनर्वास का कार्य किया जाएगा।
राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने प्रदेश के गावों के जल संसाधनों की हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण के माध्यम से मैपिंग करवाई है। इसी कड़ी में डार्क जोन में खेतों में एकत्रित हुए बारिश के पानी से भू-जल की पुन: भरपाई के लिए मेरा पानी मेरी विरासत के तहत 40 करोड़ रुपये की लागत वाले 1000 रिचार्ज कुओं के निर्माण की योजना को मंजूरी दी गई है। इसके अतिरिक्त, सरस्वती में जल-प्रवाह के लिए आदिबद्री में सोम नदी पर बांध बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश के साथ एमओयू भी किया गया है। इस बांध के बनने से 224 हेक्टेयर मीटर जल का संग्रहण होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार रावी-ब्यास नदियों के पानी का अपना वैध हिस्सा प्राप्त करने और सतलुज-यमुना लिंक नहर को पूरा करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में ठोस पैरवी की जा रही है।