नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को 2025 तक पूरी तरह लागू करने का लक्ष्य

Spread the love

चंडीगढ़, 2 मार्च। हरियाणा सरकार ने भावी पीढ़ी को कौशल व संस्कार-युक्त रोजगारपरक शिक्षा प्रदान करने के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इस नीति को 2025 तक लागू करने का लक्ष्य रखा है जबकि केन्द्र सरकार का इसे 2030 तक लागू करने का लक्ष्य है। सरकार शिक्षा के साथ-साथ खेलों को भी बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रही है जिससे प्रदेश के खिलाड़ी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खेलों में पदक जीतकर देश व प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं।
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दतात्रेय ने आज यहां आरंभ हुए हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सदन में अपने अभिभाषण में यह जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में केजी से लेकर पीजी तक की शिक्षा एक ही परिसर में देने की अवधारणा पर कार्य किया जा रहा है। प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सुविधाएं देने के लिए प्रदेश में 138 नये सरकारी मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल खोले गए हैं। राज्य में उत्कृष्टता केंद्रों के रूप में 1418 सरकारी मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना भी की गई है।
उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2023 तक समस्त पात्र विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों का एनएएसी से आकलन एवं मूल्यांकन करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। नूंह (मेवात) में एक मल्टीडिसीप्लीनरी राजकीय महाविद्यालय की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि राजकीय महाविद्यालयों एवं बहुतकनीकी संस्थानों की सभी छात्राओं को उनके आवासीय क्षेत्र से संस्थान तक सुरक्षित एवं मुफ्त परिवहन सुविधा प्रदान की जाएगी। छात्रों को स्टार्टअप एवं उद्यमशीलता के लिए जागरूक करने और उन्हें एक सफल उद्यमी बनने में सहायता करने के लिए पांच जिलों के राजकीय महाविद्यालयों में इन्क्यूबेशन सेंटर सफलतापूर्वक स्थापित किए गए हैं और इस वर्ष अन्य 17 जिलों में भी ऐसे सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
राज्यपाल ने कहा कि धन के अभाव में प्रतिभा दबी न रहे, इसलिए सरकारी स्कूलों के होनहार विद्यार्थियों को सरकारी खर्च पर कोचिंग देने के लिए ‘सुपर-100 कार्यक्रम’ चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम को सुदृढ़ करने हेतु बुनियाद नामक योजना शुरू की गई है जिसके तहत नौंवी एवं दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को कोचिंग दी जाएगी। विदेशों में शिक्षा तथा रोजगार के अवसर तलाश रहे विद्यार्थियों के नि:शुल्क पासपोर्ट बनाये जा रहे हैं। इसी प्रकार, जिला भिवानी के नंदगांव, फरीदाबाद के सिकरोना, करनाल के घरौंडा व इंद्री, सिरसा के जीवननगर, महेंद्रगढ़ के सतनाली व सेहलांग और कुरुक्षेत्र के बहलोलपुर में सत्र 2021-22 से 8 नए राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान शुरू किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान सैनिक स्कूल रेवाड़ी के भवन निर्माण के लिए 79.59 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई। अंबाला छावनी में 5 एकड़ भूमि पर आर्यभट्ट विज्ञान केंद्र स्थापित किया जा रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तर भारत का पहला मूक एवं बधिर बच्चों का संस्थान, महाज्ञानी ऋषि अष्टावक्र राजकीय बहुतकनीकी, पंचकूला में स्थापित किया गया है। इस संस्थान में इन बच्चों को तीन वर्षीय डिप्लोमा कोर्स करवाकर हुनरमंद बनाया जाएगा। राज्य के कुछ अन्य बहुतकनीकी संस्थानों में भी इसी तरह के डिप्लोमा कोर्स कुछ अन्य पाठ्यक्रमों के साथ जैसे पुस्तकालय विज्ञान, होटल प्रबंधन आदि में भी आरंभ किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 को क्रियान्वित करते हुए प्रौद्योगिकी शिक्षा को हिन्दी में प्रदान करने के लिए जगदीश चंद्र बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद में दो स्नातक डिग्री प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम सत्र 2021-22 से हिन्दी भाषा में आरंभ किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, अगले सत्र से राज्य के बहुतकनीकी संस्थानों में भी कुछ पाठ्यक्रम हिन्दी में शुरू किए जाएंगे।

खेल
राज्यपाल ने कहा कि खेलों में हरियाणा के युवाओं की उपलब्धियों का जिक्र होते ही हमारा सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। हरियाणा के खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतकर देश व प्रदेश का नाम रोशन किया है। टोक्यो ओलम्पिक में कुल 6 व्यक्तिगत पदकों में से 3 पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते हैं। आजाद भारत के इतिहास में पहली बार एथलेटिक्स के क्षेत्र में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतकर नीरज चोपड़ा ने देश व हरियाणा का नाम रोशन किया। इसके अतिरिक्त, पुरुष हॉकी में कांस्य पदक जीतने वाली टीम में हरियाणा के दो खिलाड़ी शामिल हैं। महिला हॉकी टीम में भी 9 खिलाड़ी हरियाणा प्रदेश से थी, जिन्होंने अपने दमखम और कौशल से सबका मन जीता है। पैरालम्पिक में भी देश को मिले 19 में से 6 पदक हमारे खिलाड़ियों ने जीतकर देश का मान बढ़ाया है। इन सब खिलाडिय़ों को 52 करोड़ रुपये की राशि पुरस्कार के रूप में दी गई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के प्रतिभावन खिलाड़ियों को वर्ष 2022 में देश के माननीय राष्ट्रपति ने दो पद्मश्री पुरस्कार, चार मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार, 8 अर्जुन पुरस्कार, तीन द्रोणाचार्य पुरस्कार तथा एक मेजर ध्यानचंद लाइफटाइम एचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जो अभी तक राज्य की सर्वाधिक उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष हरियाणा पहली बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मेजबानी कर रहा है। इसके अंतर्गत खेलों का विश्व स्तरीय बुनियादी ढ़ांचा तैयार किया गया है जो भविष्य में खिलाड़ियों को उत्कृष्ट प्रशिक्षण प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जो पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सर्वाधिक नकद पुरस्कार राशि देता है। राज्य सरकार ने अब तक 5,200 खिलाड़ियों के बैंक खातों में 156 करोड़ 70 लाख रुपये की राशि पुरस्कार के रूप में दी है। ओलम्पिक खेलों के लिए चुने गए खिलाड़ियों को 5 लाख रुपये की राशि अग्रिम रूप में खुराक तथा प्रशिक्षण आदि हेतु देने का प्रावधान किया गया है। इससे 73 ओलम्पिक क्वालीफाइड खिलाड़ी लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने कहा कि उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए सुरक्षित रोजगार नीति के तहत सरकार ने इस वर्ष 19 खिलाड़ियों को ग्रुप ए, तीन  खिलाड़ियों को ग्रुप बी और 41 खिलाडिय़ों को ग्रुप सी में सरकारी नौकरी दी है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में ’’एडवेंचर स्पोट्र्स’’ को भी बढ़ावा दे रही है। इसके लिए मोरनी क्षेत्र को ’’एडवेंचर स्पोट्र्स हब’’ के रूप में विकसित किया जा रहा है। महान एथलीट सरदार मिल्खा सिंह के नाम पर मोरनी में एडवेंचर स्पोट्र्स क्लब स्थापित किया गया है जिसके तहत युवाओं को एडवेंचर स्पोट्र्स में रोजगार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *